लखनऊ: विशेष जज रमेश चन्द ने बहुचर्चित अजीत सिंह हत्याकांड मामले में फरार चल रहे अभियुक्त व पूर्व सांसद धनंजय सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 14 फरवरी की तारीख तय की. गुरुवार को विशेष वकील अनिल प्रताप सिंह ने अभियुक्त की इस अर्जी पर अभियोजन का पक्ष रखने के लिए समय की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.
7 फरवरी को अभियुक्त धनंजय सिंह की ओर से अग्रिम जमानत की यह अर्जी दाखिल की गई थी. इस अर्जी में अग्रिम जमानत के लिए विवेचक की एक रिपोर्ट को आधार बनाया गया है. इसमें कहा गया है कि मुल्जिम धनंजय सिंह के विरुद्ध आइपीसी की धारा 176 व 212 का अपराध दृष्टिगत हो रहा है और विवेचना अभी जारी है. विवेचक व एसटीएफ के निरीक्षक अंजनी कुमार तिवारी ने यह रिपोर्ट मृतक अजीत सिंह की पत्नी रानू सिंह की अर्जी पर दाखिल की थी. रानू सिंह ने यह अर्जी इस हत्याकांड मामले की प्रगति आख्या मंगाने के लिए दाखिल की थी. इस पर अदालत ने विवेचक से रिपोर्ट तलब की थी. इस मामले की विवेचना 7 जनवरी 2022 को एसटीएफ को स्थानांतरित की गई थी.
लखनऊ में छह जनवरी को कठौता चौराहे पर मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसकी एफआईआर मोहर सिंह ने थाना विभूति खंड में दर्ज कराई थी. मुख्य शूटर गिरधारी को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था. विवेचना के दौरान पुलिस ने इस मामले में मुल्जिम कुंटू सिंह उर्फ ध्रुव, अखंड, संदीप उर्फ बाबा, मुस्तफा उर्फ बंटी, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर, बंधन सिंह, प्रिंस व रेहान को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था. मुल्जिमों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302, 34, 212, 201, 307 व 120 बी के तहत आरोप पत्र 7 अप्रैल 2021 को दाखिल किया गया था.
विवेचना के दौरान धनंजय सिंह का नाम भी प्रकाश में आया. दो और मुल्जिम प्रदीप कुमार सिंह व सुनील राठी के खिलाफ भी आरोप पत्र 7 फरवरी को दाखिल किया गया था. इसके साथ शूटर संदीप बाबा, अंकुर, राजेश तोमर, मुस्तफा, मददगार प्रिंस, रेहान, अखंड जेल में बंद हैं. पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल शूटर राजेश तोमर ने रिमांड के दौरान कई जानकारी दी थी. इसके बाद सुनील राठी का नाम भी इस हत्याकांड में जोड़ा गया.
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