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हरियाणा, झारखंड व राजस्थान के बाद साइबर अपराधियों ने यूपी को बनाया अड्डा - लखनऊ साइबर क्राइम सेल

साइबर क्रिमिनल्स (cyber criminals) यूपी में बैठकर देश के अन्य राज्यों के लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. बीते दिनों हुई साइबर ठगों की गिरफ्तारी के बाद यह दावा किया जा रहा है कि भरतपुर, मेवात व जामताड़ा के बाद अब पश्चिमी यूपी खासकर मथुरा साइबर ठगों का अड्डा बन रहा है.

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Published : Sep 22, 2022, 7:26 PM IST

लखनऊ : देश भर में फैले साइबर क्रिमिनल्स (cyber criminals) यूपी में अब तक महज शिकार ढूंढते थे, लेकिन अब यह यूपी में बैठकर देश के अन्य राज्यों के लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. बीते दिनों हुई साइबर ठगों की गिरफ्तारी के बाद यह दावा किया जा रहा है कि भरतपुर, मेवात व जामताड़ा के बाद अब पश्चिमी यूपी खासकर मथुरा साइबर ठगों का अड्डा बन रहा है. हालांकि ये ठग यूपी में बैठकर यूपी के नहीं बल्कि अन्य राज्यों के लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. ठगों के अड्डों के बढ़ने से साइबर क्राइम में बढ़ोतरी हो रही है. अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि बीते 10 साल में साइबर क्राइम में 80 गुना इजाफा हुआ है.



लखनऊ साइबर क्राइम सेल के प्रभारी संजीत राय बताते हैं कि बीते कुछ वर्षों में साइबर क्राइम के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने हर मंडल में 18 साइबर थाना और हर जिले में साइबर क्राइम सेल बनाया है. अब तक के जितने भी मामलों की जांच की गई है, उनमें सामने आया है कि चार राज्यों से साइबर क्रिमिनल्स सबसे ज्यादा एक्टिव हैं और अपने ठिकाने पर बैठकर लोगों को ठग रहे हैं. इनमें हरियाणा का मेवात जिला, झारखंड का जामताड़ा, राजस्थान का भरतपुर और नया अड्डा बना यूपी का मथुरा इसमें सबसे आगे है.

जानकारी देते साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा



जांच में सामने आया है कि यूपी के मथुरा में बैठे साइबर ठगों ने ठगने के लिये एक अलग ट्रेंड निकाला है, इसके लिये वह आईपीएस, आईएएस, सरकारी विभागों के बड़े अधिकारियों, निजी क्षेत्र के अधिकारियों की फोटो को अपने फेक नंबर के व्हाट्सएप पर प्रोफाइल फोटो लगा लेते हैं. उसके बाद उनके मातहतों, सहकर्मियों व रिश्तेदारों को मैसज भेजकर पैसे मांगे जाते हैं. इन गिरोहों के इस तरीके का खुलासा तब हुआ था जब तत्कालीन मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी की फोटो लगाकर ठगी की जा रही थी. जामताड़ा से होने वाली ठगी गिफ्ट देने के बहाने या बैंककर्मी बनकर होती है. वहीं हरियाणा के मेवात में ऑनलाइन शॉपिंग व सोशल मीडिया में लालच देकर ठगी की जाती है.


यूपी में बीते 10 वर्षों में साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों में नजर डालें तो साल 2011 में सिर्फ 101 साइबर ठगी के ही मामले यूपी में दर्ज हुये थे, उसके बाद 2012 मे 2015, 2013 में 372, 2014 में 1737, 2015 में 2208, 2016 में 2639, 2017 में 4971, 2018 में 6280, 2019 में 11416, 2020 में 11097 व 2021 में 8829 मामले दर्ज हुये थे.

यह भी पढें : चिता की आग में दिखी भगवान विष्णु के वाहन गरुण की आकृति, फोटो वायरल


यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा बताते हैं कि आजकल ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें यूपी से साइबर फ्रॉड होने की बातें सामने आ रही हैं. अभी तक यह माना जाता था कि जितने भी साइबर फ्रॉड यूपी में हो रहे हैं उनमें अधिकतर राजस्थान या फिर झारखंड के नक्सलाइट एरिया से साइबर अपराध किये जा रहे हैं, लेकिन हाल फिलहाल में ऐसे कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें मथुरा या उसके आसपास के रीजन में गिरोह पकड़े गए हैं जो साइबर फ्रॉड पर काम करते हैं. राहुल के मुताबिक, यूपी में बैठकर जितने भी गिरोह ठगी करते हैं वह अन्य राज्यों में शिकार ढूंढते हैं. जिससे लोकल पुलिस उन्हें ढूंढ ही ना सके. वो कहते हैं कि जिन ठगों ने स्थानीय लोगों को ही ठग लिया, ऐसे गिरोह पुलिस के हाथ लग जाते हैं.

यह भी पढें : गिरधारी के एनकाउंटर में जांच आयोग ने लखनऊ पुलिस को दी क्लीन चिट

लखनऊ : देश भर में फैले साइबर क्रिमिनल्स (cyber criminals) यूपी में अब तक महज शिकार ढूंढते थे, लेकिन अब यह यूपी में बैठकर देश के अन्य राज्यों के लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. बीते दिनों हुई साइबर ठगों की गिरफ्तारी के बाद यह दावा किया जा रहा है कि भरतपुर, मेवात व जामताड़ा के बाद अब पश्चिमी यूपी खासकर मथुरा साइबर ठगों का अड्डा बन रहा है. हालांकि ये ठग यूपी में बैठकर यूपी के नहीं बल्कि अन्य राज्यों के लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. ठगों के अड्डों के बढ़ने से साइबर क्राइम में बढ़ोतरी हो रही है. अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि बीते 10 साल में साइबर क्राइम में 80 गुना इजाफा हुआ है.



लखनऊ साइबर क्राइम सेल के प्रभारी संजीत राय बताते हैं कि बीते कुछ वर्षों में साइबर क्राइम के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने हर मंडल में 18 साइबर थाना और हर जिले में साइबर क्राइम सेल बनाया है. अब तक के जितने भी मामलों की जांच की गई है, उनमें सामने आया है कि चार राज्यों से साइबर क्रिमिनल्स सबसे ज्यादा एक्टिव हैं और अपने ठिकाने पर बैठकर लोगों को ठग रहे हैं. इनमें हरियाणा का मेवात जिला, झारखंड का जामताड़ा, राजस्थान का भरतपुर और नया अड्डा बना यूपी का मथुरा इसमें सबसे आगे है.

जानकारी देते साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा



जांच में सामने आया है कि यूपी के मथुरा में बैठे साइबर ठगों ने ठगने के लिये एक अलग ट्रेंड निकाला है, इसके लिये वह आईपीएस, आईएएस, सरकारी विभागों के बड़े अधिकारियों, निजी क्षेत्र के अधिकारियों की फोटो को अपने फेक नंबर के व्हाट्सएप पर प्रोफाइल फोटो लगा लेते हैं. उसके बाद उनके मातहतों, सहकर्मियों व रिश्तेदारों को मैसज भेजकर पैसे मांगे जाते हैं. इन गिरोहों के इस तरीके का खुलासा तब हुआ था जब तत्कालीन मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी की फोटो लगाकर ठगी की जा रही थी. जामताड़ा से होने वाली ठगी गिफ्ट देने के बहाने या बैंककर्मी बनकर होती है. वहीं हरियाणा के मेवात में ऑनलाइन शॉपिंग व सोशल मीडिया में लालच देकर ठगी की जाती है.


यूपी में बीते 10 वर्षों में साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों में नजर डालें तो साल 2011 में सिर्फ 101 साइबर ठगी के ही मामले यूपी में दर्ज हुये थे, उसके बाद 2012 मे 2015, 2013 में 372, 2014 में 1737, 2015 में 2208, 2016 में 2639, 2017 में 4971, 2018 में 6280, 2019 में 11416, 2020 में 11097 व 2021 में 8829 मामले दर्ज हुये थे.

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यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा बताते हैं कि आजकल ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें यूपी से साइबर फ्रॉड होने की बातें सामने आ रही हैं. अभी तक यह माना जाता था कि जितने भी साइबर फ्रॉड यूपी में हो रहे हैं उनमें अधिकतर राजस्थान या फिर झारखंड के नक्सलाइट एरिया से साइबर अपराध किये जा रहे हैं, लेकिन हाल फिलहाल में ऐसे कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें मथुरा या उसके आसपास के रीजन में गिरोह पकड़े गए हैं जो साइबर फ्रॉड पर काम करते हैं. राहुल के मुताबिक, यूपी में बैठकर जितने भी गिरोह ठगी करते हैं वह अन्य राज्यों में शिकार ढूंढते हैं. जिससे लोकल पुलिस उन्हें ढूंढ ही ना सके. वो कहते हैं कि जिन ठगों ने स्थानीय लोगों को ही ठग लिया, ऐसे गिरोह पुलिस के हाथ लग जाते हैं.

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