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भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह को राहत- हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज अपराधिक मामले को किया रद्द

भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रहे एक अपराधिक मामले को रद्द कर दिया है.

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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Jul 19, 2022, 7:23 PM IST

लखनऊ: भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रहे एक अपराधिक मामले को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही न्यायालय ने उनके खिलाफ दाखिल चार्जशीट और समन आदेश को भी निरस्त कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह (Justice Dinesh Kumar Singh) की एकल पीठ ने सांसद बृजभूषण शरण सिंह की याचिका पर पारित किया. याची के विरुद्ध अयोध्या के रामजन्म भूमि थाने में वर्ष 2014 में आईपीसी की धारा 188 के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी. उन पर आरोप था की उन्होंने सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करते हुए लोक सेवक के विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवहेलना करने की है.

इसे भी पढ़ेंः High Court: 11 माह की बच्ची से दुराचार के अभियुक्त की उम्रकैद की सजा बरकरार

मामले में विवेचना के उपरांत पुलिस ने सांसद के खिलाफ निचली अदालत में आरोप पत्र प्रेषित कर दिया था, जिस पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम प्रथम, फैजाबाद ने 11 जून 2015 को सांसद को हाजिर होने के लिए समन आदेश जारी किया था. आरोप पत्र और समन आदेश को चुनौती देते हुए सांसद की ओर से दलील दी गई कि सीआरपीसी के प्रावधानों के अंतर्गत आईपीसी की धारा 188 के तहत सरकारी अधिकारी द्वारा मात्र परिवाद दाखिल किया जा सकता है. धारा 188 के तहत न तो एफआईआर दर्ज हो सकती है और न ही चार्जशीट पर निचली अदालत संज्ञान ले सकती है. सरकारी वकील कानून के इस प्रावधान का विरोध नहीं कर सके. न्यायालय ने सुनवाई के उपरांत बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उक्त मामले से सम्बन्धित पूरी प्रक्रिया को भी खारिज कर दिया है.

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लखनऊ: भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रहे एक अपराधिक मामले को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही न्यायालय ने उनके खिलाफ दाखिल चार्जशीट और समन आदेश को भी निरस्त कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह (Justice Dinesh Kumar Singh) की एकल पीठ ने सांसद बृजभूषण शरण सिंह की याचिका पर पारित किया. याची के विरुद्ध अयोध्या के रामजन्म भूमि थाने में वर्ष 2014 में आईपीसी की धारा 188 के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी. उन पर आरोप था की उन्होंने सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करते हुए लोक सेवक के विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवहेलना करने की है.

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मामले में विवेचना के उपरांत पुलिस ने सांसद के खिलाफ निचली अदालत में आरोप पत्र प्रेषित कर दिया था, जिस पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम प्रथम, फैजाबाद ने 11 जून 2015 को सांसद को हाजिर होने के लिए समन आदेश जारी किया था. आरोप पत्र और समन आदेश को चुनौती देते हुए सांसद की ओर से दलील दी गई कि सीआरपीसी के प्रावधानों के अंतर्गत आईपीसी की धारा 188 के तहत सरकारी अधिकारी द्वारा मात्र परिवाद दाखिल किया जा सकता है. धारा 188 के तहत न तो एफआईआर दर्ज हो सकती है और न ही चार्जशीट पर निचली अदालत संज्ञान ले सकती है. सरकारी वकील कानून के इस प्रावधान का विरोध नहीं कर सके. न्यायालय ने सुनवाई के उपरांत बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उक्त मामले से सम्बन्धित पूरी प्रक्रिया को भी खारिज कर दिया है.

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