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मजदूरों को जबरन अस्पताल में भर्ती करने के मामले में डॉक्टर की जमानत अर्जी खारिज

लेबर अड्डे से मजदूरों को लाकर और बीमार दिखाते हुए भर्ती करने के मामले में गिरफ्तार किए गए डॉ. लव शेखर को एसीजेएम सत्यवीर ने 22 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया है. आरोप है कि मान्यता के लिए मरीजों की आवश्यकता होती है और इसी मानक को पूरा करने के लिए ठेके पर अलग-अलग इलाकों के मजदूरों को लाया गया.

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मजदूरों को जबरन भर्ती करने के मामले में गिरफ्तार डॉक्टर भेजा गया जेल
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Published : Feb 9, 2022, 10:18 PM IST

लखनऊ : धोखे से लेबर अड्डे से मजदूरों को लाकर और बीमार दिखाते हुए भर्ती करने के मामले में गिरफ्तार किए गए डॉ. लव शेखर को एसीजेएम सत्यवीर ने न्यायिक हिरासत में लेकर 22 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया है. कोर्ट ने आरोपी की ओर से दी गई जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया.

इसके पहले ठाकुरगंज पुलिस ने आरोपी लव शेखर को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया और आरोपी की ओर से दी गई जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया. उल्लेखनीय है कि मजदुर अंशु कुमार ने 8 फरवरी को ठाकुरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज के कुछ लोग जानकीपुरम, इंजीनियरिंग कॉलेज लेबर अड्डे पर आए और मजदूरों को 500 रुपये और खाना पीना देने के लिए कहकर कॉलेज के अंदर स्थित आरआर सिन्हा हॉस्पिटल में अलग-अलग बेड पर लिटा दिया और बिना बीमारी के पर्चे बनाकर वीगो इंजेक्शन लगाने लगे, तब मजदूरों ने विरोध किया तो धमकाया.

इसे भी पढ़ेंः खाद्यान घोटाला मामला: तत्कालीन अवर अभियंता की जमानत अर्जी खारिज

वादी ने बताया कि उसे लगा कि उसका खून या किडनी निकालने वाले लोग हैं. लिहाजा वादी वहां से भाग गया और रिपोर्ट दर्ज कराई. जिस पर पुलिस ने छापा मारकर मजदूरों को आजाद कराया और आरोपी को गिरफ्तार किया. आरोप है कि मान्यता के लिए मरीजों की आवश्यकता होती है और इसी मानक को पूरा करने के लिए ठेके पर अलग-अलग इलाकों के मजदूरों को लाया गया. ताकि निरीक्षण पर आने वाली टीमों को भर्ती मरीज दिखाए जा सकें. अस्पताल की ओर से सफाई भी दी गई है कि अस्पताल द्वारा गांवों में कॉर्डिनेटर तैनात हैं. वहीं, इन लोगों को लेकर आए थे और अस्पताल के डॉक्टरों को इन्हें मरीज बताया गया. डॉक्टरों ने मरीज समझकर ही इलाज शुरू किया था.

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लखनऊ : धोखे से लेबर अड्डे से मजदूरों को लाकर और बीमार दिखाते हुए भर्ती करने के मामले में गिरफ्तार किए गए डॉ. लव शेखर को एसीजेएम सत्यवीर ने न्यायिक हिरासत में लेकर 22 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया है. कोर्ट ने आरोपी की ओर से दी गई जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया.

इसके पहले ठाकुरगंज पुलिस ने आरोपी लव शेखर को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया और आरोपी की ओर से दी गई जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया. उल्लेखनीय है कि मजदुर अंशु कुमार ने 8 फरवरी को ठाकुरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज के कुछ लोग जानकीपुरम, इंजीनियरिंग कॉलेज लेबर अड्डे पर आए और मजदूरों को 500 रुपये और खाना पीना देने के लिए कहकर कॉलेज के अंदर स्थित आरआर सिन्हा हॉस्पिटल में अलग-अलग बेड पर लिटा दिया और बिना बीमारी के पर्चे बनाकर वीगो इंजेक्शन लगाने लगे, तब मजदूरों ने विरोध किया तो धमकाया.

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वादी ने बताया कि उसे लगा कि उसका खून या किडनी निकालने वाले लोग हैं. लिहाजा वादी वहां से भाग गया और रिपोर्ट दर्ज कराई. जिस पर पुलिस ने छापा मारकर मजदूरों को आजाद कराया और आरोपी को गिरफ्तार किया. आरोप है कि मान्यता के लिए मरीजों की आवश्यकता होती है और इसी मानक को पूरा करने के लिए ठेके पर अलग-अलग इलाकों के मजदूरों को लाया गया. ताकि निरीक्षण पर आने वाली टीमों को भर्ती मरीज दिखाए जा सकें. अस्पताल की ओर से सफाई भी दी गई है कि अस्पताल द्वारा गांवों में कॉर्डिनेटर तैनात हैं. वहीं, इन लोगों को लेकर आए थे और अस्पताल के डॉक्टरों को इन्हें मरीज बताया गया. डॉक्टरों ने मरीज समझकर ही इलाज शुरू किया था.

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