लखनऊ: अपर सत्र न्यायाधीश पीएम त्रिपाठी ने मछली पालन के नाम पर लोगों के करोड़ों रुपये ठगने के आरोपी विश्वनाथ प्रसाद निषाद की जमानत अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी. कोर्ट ने अभियुक्त के अपराध को गम्भीर करार दिया. इस मामले की एफआईआर 26 जुलाई 2021 को आदित्य कुमार त्रिपाठी ने विभूति खंड थाने में दर्ज कराई थी.
सरकारी वकील अरुण पांडेय के मुताबिक अभियुक्त माउंटेन एलायंस प्राइवेट लिमिटेड का चीफ डायरेक्टर है. इसने मछली पालन के नाम पर कई निवेशकों से करोड़ों की रकम निवेश कराई, लेकिन उन्हें लाभांश की धनराशि नहीं दी और उसे हड़प लिया. 18 दिसंबर 2021 को अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था.
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वहीं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्र ने भी सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि वर्ष 2020 के नवम्बर माह में वादी के पास माउंटेन एलायंस प्राइवेट लिमिटेड (Mountain Alliance Private Limited) से एक महिला कर्मचारी का फोन आया और बताया गया कि कम्पनी मछली पालन का व्यवसाय करती है. वादी को कम्पनी के सेमिनार में शामिल होने के लिए बुलाया गया.
वादी को अभियुक्त ने बताया कि साढ़े पांच लाख रुपये निवेश करने पर, उसे 14 माह तक 75 हजार रुपये मिलेंगे. इस पर वादी और उसके तमाम साथियों ने मिलकर करोड़ों रुपये जमा कर दिए. जब परिपक्वता की धनराशि के बारे में संपर्क किया गया, तो पता चला कि कम्पनी ताला लगा कर भाग चुकी थी.
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