लखनऊ: पूर्व विधायक पवन कुमार पांडेय के खिलाफ 25 साल पुराने मामले में पुलिस वालों के गवाही के लिए हाजिर न होने के चलते काफी समय से सुनवाई नहीं हो पा रही है. इस पर कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और अभियोजन के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिया है कि वह गवाहों को कोर्ट में हाजिर कराना सुनिश्चित करें. मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी.
कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति जिलाधिकारी, कमिश्नर और संयुक्त निदेशक को अनुपालन के लिए भेजने का आदेश देते हुए कहा कि हजरतगंज में दर्ज यह मामला 25 वर्ष पुराना है. इस मामले में अभियोजन ने 25 सालों में अब तक मात्र तीन गवाह पेश किए हैं, जबकि पुलिस के गवाह दरोगा प्रेम शर्मा, अख्तर हुसैन, अरविंद सिंह, शिवप्रकाश सिंह, जगदीश, राम स्वरूप, शिव बालक तेज बहादुर, राम चरण मौर्या, सिपाही गिरीश शर्मा और प्रभारी निरीक्षक वेद पाल सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए हैं, जबकि इन सबके खिलाफ वारंट भी जारी किया जा चुका है.
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कोर्ट ने कहा कि पुलिस बार-बार यही रिपोर्ट दे रही है कि गवाहों का पता नहीं चल रहा है. कोर्ट ने कहा कि सभी गवाह पुलिस वाले हैं. ऐसे में उनका पता न चल पाने की रिपोर्ट समझ से परे है. कोर्ट ने कहा कि गवाहों को हाजिर होने के लिए आखिरी अवसर दिया जाता है. अन्यथा उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ ही अन्य कार्रवाई भी की जाएगी.
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