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लखनऊ: लोकतंत्र के महापर्व पर भी सन्नाटे में है कांग्रेस का एनएसयूआई कार्यालय

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Published : Apr 17, 2019, 5:24 PM IST

गुरुवार को लोकसभा के दूसरे चरण के चुनाव होने हैं, लेकिन कांग्रेस कार्यालय को देखकर ऐसा लगता ही नहीं है कि चुनाव का दौर चल रहा है. इस चुनावी मौसम में कांग्रेस की नर्सरी कहे जाने वाले दोनों संगठन एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस कार्यालय पर कोई चहल-पहल नहीं दिखाई दे रही है.

लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय पर लगा ताला

लखनऊ: देश में लोकसभा चुनाव का दौर जारी है, वहीं उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और दूसरे चरण के चुनाव गुरुवार को होने हैं. बावजूद इसके कांग्रेस के एनएसयूआई कार्यालय में ताला पड़ा हुआ है. ऐसे में यह बात साफ जाहिर हो रही है कि कांग्रेस के संगठन चुनाव पर कितना ध्यान दे रहे हैं.

चुनावी मौसम में कार्यालय पर लगा ताला

⦁ कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी युवाओं की बात जरूर करते हैं, लेकिन उन्होंने खुद ही कांग्रेस संगठनों को खत्म करने का काम किया है.
⦁ कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से अब तक 66 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं.
⦁ इन सीटों में लखनऊ सीट भी शामिल है. आचार्य प्रमोद कृष्णम यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, लेकिन प्रत्याशियों के समर्थन में कांग्रेस का छात्र संगठन (एनएसयूआई) और यूथ कांग्रेस कहीं भी नजर नहीं आ रहा है.
⦁ लखनऊ में कांग्रेस मुख्यालय परिसर में ही एनएसयूआई का ऑफिस है, लेकिन यहां पर एनएसयूआई का न तो पदाधिकारी नजर आता है और न ही कोई कार्यकर्ता.
⦁ कांग्रेस के दूसरे यूथ कार्यालय पर किसी भी तरह की चुनावी रणनीति बनती नहीं दिख रही है.

लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय पर लगा ताला

युवा कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए समर्थन जुटाने निकल पड़े हैं, वे युवाओं में कांग्रेस के प्रति अलख जगा रहे हैं. 2019 में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी. इस दौरान ऐसे युवाओं को तरजीह दी जा रही है जो कांग्रेस को आगे बढ़ाने में सहायक बन सकें.


-यशवंत सिंह, प्रवक्ता, कांग्रेस

लखनऊ: देश में लोकसभा चुनाव का दौर जारी है, वहीं उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और दूसरे चरण के चुनाव गुरुवार को होने हैं. बावजूद इसके कांग्रेस के एनएसयूआई कार्यालय में ताला पड़ा हुआ है. ऐसे में यह बात साफ जाहिर हो रही है कि कांग्रेस के संगठन चुनाव पर कितना ध्यान दे रहे हैं.

चुनावी मौसम में कार्यालय पर लगा ताला

⦁ कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी युवाओं की बात जरूर करते हैं, लेकिन उन्होंने खुद ही कांग्रेस संगठनों को खत्म करने का काम किया है.
⦁ कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से अब तक 66 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं.
⦁ इन सीटों में लखनऊ सीट भी शामिल है. आचार्य प्रमोद कृष्णम यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, लेकिन प्रत्याशियों के समर्थन में कांग्रेस का छात्र संगठन (एनएसयूआई) और यूथ कांग्रेस कहीं भी नजर नहीं आ रहा है.
⦁ लखनऊ में कांग्रेस मुख्यालय परिसर में ही एनएसयूआई का ऑफिस है, लेकिन यहां पर एनएसयूआई का न तो पदाधिकारी नजर आता है और न ही कोई कार्यकर्ता.
⦁ कांग्रेस के दूसरे यूथ कार्यालय पर किसी भी तरह की चुनावी रणनीति बनती नहीं दिख रही है.

लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय पर लगा ताला

युवा कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए समर्थन जुटाने निकल पड़े हैं, वे युवाओं में कांग्रेस के प्रति अलख जगा रहे हैं. 2019 में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी. इस दौरान ऐसे युवाओं को तरजीह दी जा रही है जो कांग्रेस को आगे बढ़ाने में सहायक बन सकें.


-यशवंत सिंह, प्रवक्ता, कांग्रेस

Intro:चुनाव सिर पर फिर भी पूरी तरह निष्क्रिय कांग्रेस के संगठन लखनऊ। देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पहले चरण का चुनाव संपन्न भी हो चुका है दूसरे चरण का चुनाव कल होना है, लेकिन कांग्रेस कार्यालय को देखकर ऐसा लगता ही नहीं है कि ये चुनाव का दौर भी चल रहा है। कांग्रेस के नर्सरी कहे जाने वाले दोनों संगठन एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस कार्यालय पर कभी कोई चहल-पहल ही नहीं होती है। एनएसयूआई कार्यालय में तो ताला ही पड़ा हुआ है, ऐसे में अंदाजा लगाना जरा भी मुश्किल नहीं है कि चुनाव पर कांग्रेस के संगठन कितना ध्यान दे रहे हैं। हालांकि दबे मन से कांग्रेस के ही कई नेता कहते हैं कि राहुल गांधी युवाओं की बात जरूर करते हैं, लेकिन उन्होंने ही कांग्रेस की नर्सरी कहे जाने वाले संगठनों को खत्म करने का काम किया है।


Body:कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से अब तक 66 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इन सीटों में लखनऊ सीट भी शामिल है। आचार्य प्रमोद कृष्णम यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, लेकिन प्रत्याशियों के समर्थन में कांग्रेस का छात्र संगठन (एनएसयूआई) और यूथ कांग्रेस कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। लखनऊ में कांग्रेस मुख्यालय परिसर में ही एनएसयूआई का ऑफिस है लेकिन यहां पर एनएसयूआई का न तो पदाधिकारी नजर आता है और न ही कोई कार्यकर्ता। नजर भी कैसे आए क्योंकि कार्यालय पर ताला ही पड़ा रहता है। आज भी चुनाव के दौर में कार्यालय बंद ही पड़ा है। कल रात आंधी आई और एनएसयूआई का बोर्ड भी उड़ा ले गई। बताया जा रहा है कि एनएसयूआई के मध्य जोन के अध्यक्ष मयंक तिवारी इटावा से हैं, ऐसे में वे लखनऊ कार्यालय आकर करें भी तो क्या? वहीं दूसरे कार्यालय यूथ कांग्रेस की बात की जाए तो यहां पर थोड़ी बहुत चहलकदमी होती है लेकिन कार्यकर्ता और पदाधिकारी किसी भी तरह की चुनावी रणनीति बनाने के लिए न कोई बैठक करते हैं न ही कोई रणनीति ही बनाते हैं। कांग्रेसियों को ऐसा लग रहा है कि जब प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में आ ही गई हैं तो वे सक्रिय रहें या निष्क्रिय क्या फर्क पड़ता है। बाइट चुनाव शुरू हुआ है, चुनाव खत्म नहीं हुआ है। जहां तक कांग्रेस के नर्सरी संगठनों का सवाल है तो युवा विभिन्न क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए समर्थन जुटाने निकल पड़े हैं। वे युवाओं में कांग्रेस के प्रति अलख जगा रहे हैं। 2019 में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। 2019 कांग्रेस का होगा। जहां तक सवाल है कि राहुल गांधी ने नर्सरी कहे जाने वाले संगठनों को खत्म कर दिया है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। हम ऐसे युवाओं को तरजीह दे रहे हैं जो कांग्रेस को आगे बढ़ाने में सहायक हों। यशवंत सिंह, प्रवक्ता, कांग्रेस


Conclusion:कांग्रेस के प्रवक्ता चाहे जो भी कहें लेकिन हकीकत ये कार्यालय खुद-ब-खुद बयां कर रहे हैं। कार्यालय पर पड़ा ताला और पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के नदारद होने से चुनाव में कांग्रेस का फिलहाल भला होता दिख नहीं रहा है।
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