लखनऊ: कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने रविवार को जिले के कांग्रेस कार्यालय में चल रही प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कांग्रेस ने नैतिक जिम्मेदारी को हमेशा निभाया है. सरकार ने राशन वितरण के लिए मानक भी तैयार किए हैं, खुद के नाम जमीन न हो, पक्का मकान न हो, ट्रैक्टर-ट्राली न हो, मुर्गी पालन, गौ पालन व्यवसाय, शासन की ओर से जिन्हें वित्तीय सहायता मिली हो, ये सब राशन कार्ड धारकों के मानक में नहीं आते, ऐसा सरकार का सोचना है.
उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त पीएम मोदी ने चीख-चीख कर कहा था कि देश के करोड़ों गरीब लोगों तक राशन पहुंचाया गया. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी अपनी पीठ थप-थपाई. उन्होंने गरीबों तक राशन पहुंचाया. यही वजह है शायद दोबारा भाजपा की सरकार बनी. पहला निर्णय भी मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में लिया था कि जो राशन वितरण की स्कीम है वो अगले तीन महीने तक चलेगी इसकी सराहना भी हुई.
आराधना मिश्रा ने कहा कि जिन लोगों को राशन वितरण किया गया, अब उन सभी की दोबारा सरकार मॉनिटरिंग करने जा रही है. सरकार ने ये निर्णय किस आधार पर लिया है. सरकार का निर्णय मानसिकता को दर्शाता है. क्या अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी, जिन्होंने ऐसे लोगों को भी राशन कार्ड प्रणाली में शामिल किया.
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उन्होंने कहा कि सरकार खाद्य सुरक्षा कानून का उल्लंघन कर रही है. क्या ये मानक राशन कार्ड देते वक्त इस्तेमाल किए गए थे. क्या ये मानक राशन कार्ड देने के बाद, वितरण प्रणाली लागू करने के बाद बदले हैं. चुनाव से पहले इस तरह की कार्यवाही की बात क्यों नहीं की गई. भाजपा सरकार की नीति और नियति में हमेशा से फर्क रहा है. ये सभी सवाल मैं सरकार से सदन में भी पूछूंगी. सरकार ने हमेशा चुनाव के समय गरीब और गरीबी का इस्तेमाल किया है.
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