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लखनऊ: बाजार में बढ़ी मांग, सीमैप ने सैनिटाइजर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की - cmap latest news

लखनऊ के सीएसआईआर की प्रयोगशाला केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान 'सीमैप' में निर्मित हर्बल सैनिटाइजर की मांग बाजार में बढ़ रही है. इसे देखते हुए जिले में एक दवा व्यवसायी ने भी इस सैनिटाइजर की टेक्नोलॉजी ली है, जिससे अधिक मात्रा में सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जा सके.

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सीमैप ने सैनिटाइजर की टेक्नोलॉजी की ट्रांसफर
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Published : May 27, 2020, 2:00 PM IST

लखनऊ: सीएसआईआर की प्रयोगशाला केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान 'सीमैप' में निर्मित हर्बल सैनिटाइजर की मांग बाजार में बढ़ रही है. इस सिलसिले में मंगलवार को जिले के एक दवा व्यवसायी ने भी इस सैनिटाइजर की टेक्नोलॉजी ली. यह कंपनी सबसे अधिक मात्रा में सैनिटाइजर बनाएगी.

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सीमैप ने सैनिटाइजर की टेक्नोलॉजी की ट्रांसफर
बढ़ी है सीमैप सैनिटाइजर की मांगसैनिटाइजर की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर लेने वाले दवा व्यवसायी विनय शुक्ला ने बताया कि हमारे दवा के काउंटर में सीमैप के सैनिटाइजर की मांग काफी बढ़ी. काफी लोग उसे लेने के इच्छुक दिखे इसी वजह से हमने इसकी उत्पादन खुद करने का निर्णय लिया और सीमैप मैं आकर वैज्ञानिकों से मिले. यहां पर हमने इसकी टेक्नोलॉजी ली है और जल्द हम इसका उत्पादन शुरू करेंगे. उन्होंने बताया कि इस प्रोडक्ट का नाम साईंटाइजर होगा और शुरुआती दौर में सीमैप संस्थान की सहायता के बाद आगे हम खुद बड़ी मात्रा में इसका प्रोडक्शन करेंगे.सीमैप के निदेशक डॉ. पीके त्रिवेदी का कहना है कि हमारे संस्थान में कई हर्बल उत्पाद बनाए गए हैं जो प्रचलित हैं, लेकिन कोरोना क्राइसिस में सैनिटाइजर का इस्तेमाल अधिक बढ़ गया है. इसका टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी कई कंपनियों ने हमसे लिया है. यह वक्त भी ऐसा है कि हमने एंटरप्रेन्योर्स और कई कंपनियों को बढ़ावा देने की कोशिश की है. ऐसे में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हम जिले की ही कंपनी को कर रहे हैं जिससे इस सैनिटाइजर से अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके. सैनिटाइजर की खासियतसीमैप संस्थान में बनाए गए इस सैनिटाइजर की खासियत यह है कि इसमें 70% एथेनॉल के साथ पांच एसेंशियल ऑइल्स का मिश्रण भी दिया गया है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है और इसकी भीनी सुगंध सबको बहुत पसंद आ रही है. इसके अलावा यह अन्य सैनिटाइजर की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली भी है.

लखनऊ: सीएसआईआर की प्रयोगशाला केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान 'सीमैप' में निर्मित हर्बल सैनिटाइजर की मांग बाजार में बढ़ रही है. इस सिलसिले में मंगलवार को जिले के एक दवा व्यवसायी ने भी इस सैनिटाइजर की टेक्नोलॉजी ली. यह कंपनी सबसे अधिक मात्रा में सैनिटाइजर बनाएगी.

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सीमैप ने सैनिटाइजर की टेक्नोलॉजी की ट्रांसफर
बढ़ी है सीमैप सैनिटाइजर की मांगसैनिटाइजर की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर लेने वाले दवा व्यवसायी विनय शुक्ला ने बताया कि हमारे दवा के काउंटर में सीमैप के सैनिटाइजर की मांग काफी बढ़ी. काफी लोग उसे लेने के इच्छुक दिखे इसी वजह से हमने इसकी उत्पादन खुद करने का निर्णय लिया और सीमैप मैं आकर वैज्ञानिकों से मिले. यहां पर हमने इसकी टेक्नोलॉजी ली है और जल्द हम इसका उत्पादन शुरू करेंगे. उन्होंने बताया कि इस प्रोडक्ट का नाम साईंटाइजर होगा और शुरुआती दौर में सीमैप संस्थान की सहायता के बाद आगे हम खुद बड़ी मात्रा में इसका प्रोडक्शन करेंगे.सीमैप के निदेशक डॉ. पीके त्रिवेदी का कहना है कि हमारे संस्थान में कई हर्बल उत्पाद बनाए गए हैं जो प्रचलित हैं, लेकिन कोरोना क्राइसिस में सैनिटाइजर का इस्तेमाल अधिक बढ़ गया है. इसका टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी कई कंपनियों ने हमसे लिया है. यह वक्त भी ऐसा है कि हमने एंटरप्रेन्योर्स और कई कंपनियों को बढ़ावा देने की कोशिश की है. ऐसे में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हम जिले की ही कंपनी को कर रहे हैं जिससे इस सैनिटाइजर से अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके. सैनिटाइजर की खासियतसीमैप संस्थान में बनाए गए इस सैनिटाइजर की खासियत यह है कि इसमें 70% एथेनॉल के साथ पांच एसेंशियल ऑइल्स का मिश्रण भी दिया गया है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है और इसकी भीनी सुगंध सबको बहुत पसंद आ रही है. इसके अलावा यह अन्य सैनिटाइजर की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली भी है.
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