लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार (CM Yogi Government) के दूसरे कार्यकाल में एनेक्सी सचिवालय भवन (शास्त्री भवन) गुलजार हो गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के सहयोगियों और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पिछले कुछ दिनों से यहीं से 'सरकार' चला रहे हैं. सीएम योगी लोकभवन की अपेक्षा शास्त्री भवन यानी एनेक्सी सचिवालय में ज्यादातर शासन की बैठकें कर रहे हैं. इसको लेकर सियासी गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
वजह कुछ भी हो, लेकिन आजकल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शास्त्री भवन यानी एनएससी सचिवालय में कैबिनेट बैठक प्रेजेंटेशन या अन्य महत्वपूर्ण बैठक करने को लेकर सियासी चर्चा तेज है. इस मामले में शासन के अफसरों का कहना है कि लाल बहादुर शास्त्री भवन में बैठक प्रेजेंटेशन या मंत्रिमंडल के साथियों और शासन के बड़े अफसरों के साथ बैठक करने में सुविधा होती है. यहां बड़े सभागार हैं. यहां ठीक से बैठकें हो पाती हैं. इसके अलावा लोक भवन में शास्त्री भवन की तरह बड़े सभागार नहीं हैं.
ऐसे में यहां बैठक करना ज्यादा सुविधाजनक रहता है. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसकी एक अलग कहानी बताते हैं. लोगों का कहना है कि लाल बहादुर शास्त्री भवन में बैठने को लेकर सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक इच्छुक हैं. ऐसे में इस पर आगे मांग हो या पत्राचार हो, इन परिस्थितियों को देखते हुए लाल बहादुर शास्त्री भवन एनेक्सी सचिवालय में शासन के काम किए जा रहे हैं.
वहीं सरकार के दोनों डिप्टी सीएम विधान भवन के मुख्य भवन में बैठते हैं. वजह कुछ भी हो लेकिन सत्ता के सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लोक भवन की अपेक्षा एनेक्सी भवन सचिवालय में ज्यादा काम काज करने को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने और शास्त्री भवन के पंचम तल में बैठना शुरू किए तो उस दौरान केशव प्रसाद मौर्य भी पंचम तल पर बैठना शुरू किए और बकायदा नेम प्लेट भी लग गई थी, लेकिन कुछ विवादों के चलते वह नेम प्लेट हटा दी गई थी.
इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य का दफ्तर विधान भवन में शिफ्ट कर दिया गया था. इस बार ऐसी कोई परिस्थिति बने, इसलिए पहले ही मुख्यमंत्री लोक भवन और लाल बहादुर शास्त्री भवन से सरकारी कामकाज कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल के पिछले 1 महीने में ज्यादा समय लाल बहादुर शास्त्री भवन में ही दिया है. मंत्रियों के साथ प्रेजेंटेशन हो या फिर कैबिनेट बैठक शास्त्री भवन में ही की गई हैं.
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ को जो स्थान ज्यादा सही लगता है, वहां शासन का कामकाज कर रहे हैं. यह चर्चा जरुर है कि दोनों डिप्टी सीएम भी एनेक्सी सचिवालय को अपना कार्यालय न बना लें, यह कहना सही नहीं कि योगी आदित्यनाथ दोनों उप मुख्यमंत्रियों के कारण सचिवालय एनेक्सी शास्त्री भवन में भी बैठ रहे हैं. जनादेश योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व को मिला है. इसमें न कोई संशय है, न ही इसके मद्देनज़र उनके सामने कोई चुनौती है.
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दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इकाना स्टेडियम और लोकभवन को अपनी उपलब्धि के रूप में गिनाते रहते हैं. उन्होंने कहा था कि योगी आदित्यनाथ ने सपा सरकार के बनाये स्टेडियम में शपथ ली है. वह लोक भवन में बैठकर निर्णय लेते हैं. सीएम योगी बताना चाहते है कि उनको ऐसे भवन कार्य करने की प्रेरणा नहीं देते हैं.
यही कारण है कि उनकी सरकार ने गरीबों के लिए करीब 45 लाख आवास, 33 मेडिकल कॉलेज, पांच एक्सप्रेस वे आदि बनवाने के अलावा दशकों से लंबित दर्जनों योजनाओं को पूरा किया. अनेक विभागों के साथ उनकी लगातार बैठकें चलती हैं. अलग अलग विभागों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लोक भवन और शास्त्री भवन दोनों का उपयोग बेहतर है.
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