ETV Bharat / city

पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने लिए की जाए तैयारी: मुख्य सचिव - rajendra kumar tiwari meeting on crop residue management

यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को एक बैठक की गई. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं की पुनरावृत्ति पर अंकुश लगाने लिए आवश्यक तैयारियां की जाएं.

मुख्य सचिव ने की बैठक.
मुख्य सचिव ने की बैठक.
author img

By

Published : Jun 17, 2021, 6:26 AM IST

लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में 16 जून को बैठक हुई. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं की पुनरावृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाने लिए आवश्यक तैयारियां समय से करा ली जाएं.



पराली प्रबंधन के फायदे किसानों को बताएं
मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले वर्ष सर्वाधिक पराली जलाने वाले क्षेत्रों का डाटा एकत्रित कर उन स्थानों पर पराली जलाने की घटना को रोकने हेतु विशेष ध्यान दिया जाए. पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों व पराली प्रबंधन से होने वाले फायदों से किसानों को अवगत कराने के लिए नगरीय एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जाएं. नए ग्राम प्रधानों को भी इस सम्बन्ध में उचित प्रशिक्षण दिया जाए.

इस काम में इन संगठनों का भी ले सहयोग
मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्य में एनसीसी, एनएसएस एवं भारत स्काउड गाइड आदि स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष 'पराली दो खाद लो' कार्यक्रम का सफल संचालन जनपद उन्नाव में कराया गया था. इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू कराया जाए.

डिकम्पोजर के प्रयोग को बढ़ावा दें
कम्बाइन से धान की कटाई के उपरान्त नमीयुक्त खेत में यूरिया छिड़काव कराकर शीघ्रता से फसल अवशेष को सड़ाने हेतु जागरूक किया जाए. गत वर्ष बेस्ड डिकम्पोजर के प्रयोग से उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुये थे. इस वर्ष भी डिकम्पोजर के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए. किसानों के खेत के एक कोने पर मनरेगा योजनान्तर्गत खाद के गड्ढों का निर्माण कराया जाए.

अपर मुख्य सचिव, कृषि ने दी जानकारी
इससे पूर्व बैठक में अपर मुख्य सचिव, कृषि देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि गत वर्ष 2.66 लाख बेस्ट डिकम्पोजर का निःशुल्क वितरण किया गया है. कृषि अपशिष्ट प्रबंधन (सी.आर.एम.) योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 7160 कृषि यन्त्र, 900 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना 5 से 15 लाख पर तथा 120 गन्ना समितियों, 400 सहकारी समितियों, 80 औद्यानिक समितियों, 535 पंचायतों में फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना 5 लाख तक की जाएंगी.

जिलावार फसल अवशेष जलने की घटनाओं/धान के क्षेत्रफल के आधार पर ग्राम पंचायतों के लिए फार्म मशीनरी बैंक के लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं. पात्र व सक्षम समितियों की सूची उद्यान, गन्ना व सहकारी समितियों द्वारा कृषि विभाग व संबंधित को उपलब्ध कराया जाएगा.

बैठक में इन अधिकारियों ने लिया भाग
बैठक में उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी और वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास संजय भूसरेड्डी सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
पढ़ें- राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर सवाल उठाने वाले पर्ची दिखाकर चंदा वापस ले जाएं: साक्षी महाराज

लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में 16 जून को बैठक हुई. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं की पुनरावृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाने लिए आवश्यक तैयारियां समय से करा ली जाएं.



पराली प्रबंधन के फायदे किसानों को बताएं
मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले वर्ष सर्वाधिक पराली जलाने वाले क्षेत्रों का डाटा एकत्रित कर उन स्थानों पर पराली जलाने की घटना को रोकने हेतु विशेष ध्यान दिया जाए. पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों व पराली प्रबंधन से होने वाले फायदों से किसानों को अवगत कराने के लिए नगरीय एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जाएं. नए ग्राम प्रधानों को भी इस सम्बन्ध में उचित प्रशिक्षण दिया जाए.

इस काम में इन संगठनों का भी ले सहयोग
मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्य में एनसीसी, एनएसएस एवं भारत स्काउड गाइड आदि स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष 'पराली दो खाद लो' कार्यक्रम का सफल संचालन जनपद उन्नाव में कराया गया था. इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू कराया जाए.

डिकम्पोजर के प्रयोग को बढ़ावा दें
कम्बाइन से धान की कटाई के उपरान्त नमीयुक्त खेत में यूरिया छिड़काव कराकर शीघ्रता से फसल अवशेष को सड़ाने हेतु जागरूक किया जाए. गत वर्ष बेस्ड डिकम्पोजर के प्रयोग से उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुये थे. इस वर्ष भी डिकम्पोजर के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए. किसानों के खेत के एक कोने पर मनरेगा योजनान्तर्गत खाद के गड्ढों का निर्माण कराया जाए.

अपर मुख्य सचिव, कृषि ने दी जानकारी
इससे पूर्व बैठक में अपर मुख्य सचिव, कृषि देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि गत वर्ष 2.66 लाख बेस्ट डिकम्पोजर का निःशुल्क वितरण किया गया है. कृषि अपशिष्ट प्रबंधन (सी.आर.एम.) योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 7160 कृषि यन्त्र, 900 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना 5 से 15 लाख पर तथा 120 गन्ना समितियों, 400 सहकारी समितियों, 80 औद्यानिक समितियों, 535 पंचायतों में फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना 5 लाख तक की जाएंगी.

जिलावार फसल अवशेष जलने की घटनाओं/धान के क्षेत्रफल के आधार पर ग्राम पंचायतों के लिए फार्म मशीनरी बैंक के लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं. पात्र व सक्षम समितियों की सूची उद्यान, गन्ना व सहकारी समितियों द्वारा कृषि विभाग व संबंधित को उपलब्ध कराया जाएगा.

बैठक में इन अधिकारियों ने लिया भाग
बैठक में उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी और वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास संजय भूसरेड्डी सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
पढ़ें- राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर सवाल उठाने वाले पर्ची दिखाकर चंदा वापस ले जाएं: साक्षी महाराज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.