लखनऊ : ग्रेटर नोएडा में सत्रह साल से अटकी गंगा जल परियोजना जल्द पूरी होने वाली है. इससे ग्रेटर नोएडा के आठ लाख लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आठ सौ करोड़ की लागत वाली गंगा जल परियोजना को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए थे. इसके बाद शासन स्तर से परियोजना की लगातार माॅनिटरिंग की गई और स्थानीय स्तर पर अफसरों ने किसानों से संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकाला. फिलहाल पल्ला स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर कमीशनिंग का काम चल रहा है. गंगाजल शीघ्र ही जैतपुर स्थित ट्रीटमेंट प्लांट पहुंच जाएगा और फिर ग्रेटर नोएडावासियों तक गंगाजल पहुंचाने का काम शुरू होगा.
प्राधिकरण ने अगले तीन माह में गंगाजल की आपूर्ति के लिए कमीशनिंग का काम पूरा होने की उम्मीद जताई है. इस बारे में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पेयजल विभाग के सीनियर मैनेजर कपिल सिंह बताते हैं कि परियोजना के पूरा होते ही दो चरणों में लोगों को गंगा जल उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें पहले चरण में तीन महीने बाद ग्रेटर नोएडा ईस्ट और दूसरे चरण में उसके तीन महीने बाद ग्रेटर नोएडा पश्चिम में गंगा जल उपलब्ध कराया जाएगा.
सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और मेरठ मंडल के कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सीएम योगी के निर्देशों पर लोगों के घरों तक गंगाजल शीघ्र लाने की पूरी कोशिश की जा रही है. 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना सभी ग्रेटर नोएडावासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इससे एक तरफ उनके घरों में गंगाजल आने लगेगा और दूसरी तरफ भूजल की भी बचत होगी. इससे भूजल स्तर में भी सुधार होगा.
वर्तमान में ग्रेटर नोएडा की आबादी करीब छह लाख है. पहले और दूसरे फेज में तीन-तीन लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा. अभी ग्रेटर नोएडा में करीब 130 एमएलडी पेयजल की जरूरत है, जबकि वर्तमान में ग्रेनो में 170 से 180 एमएलडी पेयजल उपलब्ध है. गंगा जल परियोजना शुरू होने के बाद 210 एमएलडी की क्षमता और हो जाएगी.
- 2005 में गंगाजल परियोजना का एलान हुआ.
- फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति.
- जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से एनओसी मिली.
- जून 2021 में वन विभाग ने काम करने की अनुमति दी.
- जुलाई 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की अनुमति मिली.
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- अक्टूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति मिली.
- दिसंबर 2021 में पल्ला के डब्ल्यूटीपी (water treatment plant) तक गंगाजल पहुंचा.
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