लखनऊ : वर चाहिये या वधु, विज्ञापन देने से पहले सावधान हो जाइए. कभी भी आपके साथ ठगी हो सकती है. ऐसा इसलिये क्योंकि ठग शादी का विज्ञापन देने वालों को शिकार बना रहे हैं और कहानी बताकर लाखों की ठगी कर रहे हैं. ऐसे ही कई मामले लखनऊ समेत कई जिलों में बीते दिनों सामने आये हैं.
सरकारी नौकर दामाद की चाह ने लगवाई दो लाख की चपत : राजधानी के गाजीपुर थाना अन्तर्गत रहने वाले व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी के लिये 6 फरवरी 2022 को नामचीन अखबार में विज्ञापन दिया था. बेटी सरकारी कर्मचारी थी, लिहाजा उन्हें वर भी सरकारी कर्मचारी ही चाहिये था. दूसरे दिन ही उनके पास यादराम बाल्मीकि नाम के व्यक्ति की कॉल आती है और बेटी की तश्वीर व बायोडाटा मांगता है. जिसके बाद पीड़ित ने तत्काल फोटो भेज दी. यादराम की ओर से रिश्ता पसंद होने की बात कहकर लड़के की फोटो भेज दी जाती है. बताया जाता है कि वह भी सरकारी विभाग में नौकरी करता है. यादराम पीड़ित से कहता है कि वह लोग एक कार्यक्रम के चलते राजस्थान जा रहे हैं लौटकर आगे की बात तय की जाएगी. पीड़ित के मुताबिक अगले ही दिन उनके पास राजस्थान पुलिस की ओर से कॉल आती है और कहा जाता है कि यादराम की गाड़ी से किसी व्यक्ति की ऐक्सीडेंट में मौत हो गई है. फोन पर ही यादराम पीड़ित से कहता है कि पुलिस दो लाख रुपय मांग रही है अगर नहीं दिया तो उनका बेटा जेल चला जायेगा और उसकी नौकरी भी चली जायेगी. पीड़ित के मुताबिक, सरकारी नौकरी करने वाला लड़का हाथ से ना निकल जाए, इसलिए उन्होंने तत्काल दो लाख रुपए पुलिस के बताये गये बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए. तभी से ही यादराम का नंबर भी ऑफ़ जा रहा है. पीड़ित ने गाजीपुर थाने मुकदमा लिखवाया है.
एक ही गैंग कर रहा है यूपी में ठगी : रायबरेली के हरचंदपुर के रहने वाले एक व्यक्ति की बेटी की शादी के लिये दूल्हे की तलाश कर रहे थे. उन्होंने अखबार में बीते अगस्त के महीने में विज्ञापन देखा. उस पर मौजूद नम्बर पर कॉल करने पर खुद को शाहजहांपुर निवासी अमित अग्रवाल बताया और कहा कि उनके 2 बेटे हैं. छोटा पंकज अग्रवाल हापुड़ में डॉक्टर है. पंकज के लिए रिश्ते की बात हुई, बात लगभग तय हो गई. इसके बाद मोहन को शाहजहांपुर मिलने के लिए बुलाया. पीड़ित के मुताबिक, 26 अगस्त को आरोपित अमित अग्रवाल ने उनके मोबाइल पर कॉल कर कहा कि वह परिवार समेत राजस्थान स्थित खाटू श्यामजी दर्शन करने जा रहे हैं. दोपहर में एक अंजान नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले ने बताया कि वह राजस्थान के वरदोई थाने का प्रभारी है. उन्होंने कहा कि आपके परिचित अमित अग्रवाल की कार से कुचलकर एक दूध विक्रेता की मौत हो गई है. ग्रामीणों ने अमित व उनके घरवालों को मारपीट कर घायल कर दिया है. कथित थाना प्रभारी ने अपने मोबाइल से अमित से बात कराई. आरोपित ने बताया कि मृतक के भाई को साढ़े तीन लाख रुपये देने हैं. तीन लाख 10 हजार दे दिये हैं. 40 हजार कम पड़ रहे हैं. झांसे में आकर पीड़ित ने ऑनलाइन 40 हजार रुपये दे दिए. फिर घायल बहू के ऑपरेशन के लिए 25 हजार रुपये मांगे. शक होने पर मोहन कुमार ने मना कर दिया. इसके बाद मोबाइल बंद हो गया. काफी प्रयास के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया.
क्या कहते हैं जिम्मेदार? : लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता व डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक, पुलिस के पास ऐसी ठगी के कई मामले सामने आते हैं. जिसमें तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाता है. कुछ ऐसे गैंग के लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. डीसीपी कहती है कि लोगों को यह समझना होगा कि बगैर व्यक्ति को सत्यापित किये पैसों का लेन देन ना करें, क्योंकि बहुत सारे ऐसे ठग हैं जो विज्ञापन में अपने फर्जी फोटो भेजते हैं और अपने आप को किसी सरकारी विभाग में किसी पद पर बताते हैं और फिर अलग-अलग बहाने से पैसों की डिमांड करते हैं. लोग अच्छा वर हाथ से ना निकल जाए, इस प्रलोभन से पैसे दे देते हैं.
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कैसे करें बचाव? : डीसीपी के मुताबिक, इससे बचने के लिये यह जरूरी है कि पहले उस शादी की बात कर रहे व्यक्ति का बैकग्राउंड चेक करें. इसके लिये सोशल मीडिया की मदद (social media help) ली जा सकती है. व्यक्ति खुद को जिस संस्थान में नौकरी करना बता रहे हो वहां से पता करना चाहिये. वह कहती हैं कि यह आसान तरीका है और इससे आपकी पूंजी बच सकती है.
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