लखनऊ: लोक निर्माण विभाग लखनऊ (Public Works Department Lucknow) में ठेकेदारों को पेमेंट करने का मैथड बदल (Payment method changed in PWD) दिया गया है. अब पेमेंट PWD में विभाग की जगह ट्रेजरी के जरिये किया जा रहा है.
इसकी वजह से कई फाइलें लंबित हैं और विभाग में विद्रोह के हालात बन रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने इसकी जांच का आदेश भी दे दिया था, उसके बाद में मंत्री के ओएसडी के अलावा विभाग अध्यक्ष सहित कई अधिकारियों पर गाज गिरी थी. तभी से इस विभाग के कामकाज में अवरोध है. डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने बताया कि PWD में कोई भी काम नहीं हो पा रहा है. पूर्व विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने ट्रेजरी के जरिए भुगतान की जो व्यवस्था बनाई थी, उसकी वजह से जून से ही ठेकेदारों के भुगतान नहीं हो पा रहा हैं. इसकी वजह से विभाग के सभी काम रूके हुए हैं. यह एक तरह की नोटबंदी की व्यवस्था है, जो कि पीडब्ल्यूडी में लागू हो गई है.
लोक निर्माण विभाग (Public Works Department Lucknow) तबादला घोटाले की आंच में तप रहा है. विभाग में पिछले तीन महीने में तीन बार विभागाध्यक्ष बदला जा चुका है. जिनमें से एक निलंबित और एक रिटायर्ड हो गए हैं, जो रिटायर्ड हुए हैं वह केवल 8 दिन के लिए ही विभाग के अध्यक्ष बनाए गए थे. वहीं, निलंबित हुए विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने पेमेंट की व्यवस्था को बदल दिया था. इसी के चलते तीन महीने से विभाग में लगातार पेमेंट रुका हुआ हैं और इसके साथ ही निर्माण कार्य भी बाधित हो रहा है.
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उत्तर प्रदेश PWD (Uttar Pradesh PWD) में 2 जुलाई को तबादलों के संबंध में जांच का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने दिया था. जांच के बाद विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी सहित पांच अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था. उसके बाद में एसपी सिंघल को पीडब्ल्यूडी में विभागाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन वह केवल आठ दिन में ही रिटायर्ड हो गए थे. इसके बाद में एक अगस्त को संदीप कुमार को विभागाध्यक्ष बनाया गया. इस तरह से तीन बार विभागाध्यक्ष बदला गया. जिसकी वजह से काम रुके हुए हैं. संदीप कुमार का कहना है, कि जहां भी विसंगति नजर आएगी सुधार होंगे.
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