लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षक चयनित प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों ने मोर्चा खोल दिया. आज (27 जून) सुबह मंत्री गुलाब देवी का घेराव किया. सभी अभ्यर्थियों ने गुलाब देवी से मिलकर उन्हें नियुक्त्ति दिए जाने की मांग की. साल 2016 और 2021 की प्रतीक्षा सूची में शामिल सफल अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के माध्यम से स्कूल आवंटित किए जाने मांग की है.
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (Secondary Education Service Selection Board) की ओर से साल 2016 और 2021 में प्रदेश के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में भर्ती की प्रक्रिया हुई थी. इसमें चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई और उसके साथ ही प्रतीक्षा सूची भी जारी की गई. इसी मामले को लेकर विधान परिषद की बैठक में सवाल उठाए गए थे. वहीं, विधायक ने बताया कि प्रदेश के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों के 1400 से ज्यादा पद खाली हैं. इनमें प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को मौक मिलेगा.
मामले में अभ्यर्थियों का कहना है कि जिला विद्यालय निरीक्षक की तरफ से 1998 में शामिल नियम (3) के तहत रिक्त पदों पर प्रतीक्षा सूची से भर्ती किए जाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है. वहीं, इस नियम के तहत 75 जिलों से जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से सूची में शामिल सफल अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर बुलाया जाता है. अगर इस नियम से भर्ती की गई तो एक व्यक्ति की भर्ती प्रक्रिया में करीब 8 महीने का समय लगेगा. इसलिए इस पदों पर काउंसलिंग के माध्यम से भर्ती की जाए. इससे पहले साल 2013 में भी काउंसलिंग कराई गई थी.
सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी सोमवार (27 जून) सुबह लखनऊ पहुंचे. इनके प्रतिनिधिमंडल ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात की. अभ्यर्थियों ने बताया कि वह 1998 में शामिल नियम (3) के तहत भर्ती प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. इसी वजह उन्होंने इकठ्ठे होकर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी का घेराव किया.
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