लखनऊ. यूपी में एमएलसी चुनाव का नामांकन शुरू हो गया है. सपा-भाजपा अपने उम्मीदवार सीटवार उतार रहे हैं. वहीं, बसपा एमएलसी चुनाव को लेकर खामोश है. विधान परिषद के 35 स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों से 36 सदस्यों का निर्वाचन होना है. यह दो चरणों में किया जाएगा.
पहले चरण में 30 सीटों पर चुनाव होना है. इसका नामांकन 15 से 19 मार्च तक होगा. शेष छह सीटों पर नामांकन 22 मार्च तक होगा. ऐसे में भाजपा, सपा चुनाव के लिए पूरी ताकत से जुट गई हैं लेकिन बसपा खामोश है. इसे लेकर राजनीतिक दलों में भी बेचैनी बढ़ रही है. बसपा राष्ट्रीय प्रवक्ता फैजान खान ने इस मामले में कुछ कहने से इंकार कर किया है.
पिछली बार सपा ने दिया था वॉक ओवर
जनवरी 2021 में विधान परिषद की 12 सीटें रिक्त होने पर चुनाव का एलान किया गया था. सभी 12 सीटों के लिए अधिसूचना जारी हो गईं. बसपा ने पहले ही दिन दो नामांकन पत्र खरीद लिए. वहीं, भाजपा, सपा पहले से ही मजबूत दावेदारी पेश कर रहीं थीं. बसपा के नामांकन पत्र खरीदते ही वोटिंग की रणनीति बनने लगी.
मगर, शाम तक बसपा के उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र नहीं जमा किया. ऐसे में भाजपा-सपा के तय कंडीडेट निर्विरोध हो गए. इसमें भाजपा के 10 कंडीडेट की जीत पहले से तय थी. वहीं, सपा ने दो उम्मीदवार उतारे थे. बसपा के लड़ने से सपा की एक की सीट फंस रही थी. सपा को वॉक ओवर मिल गया. उसके दोनों कंडीडेट जीत गए.
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बसपा के अभी चार हैं सदस्य
विधान परिषद में बसपा के अभी चार एमएलसी हैं. इनमें से तीन सदस्यों का कार्यकाल 6 जुलाई को समाप्त हो रहा है. पार्टी में भीमराव आंबेडकर का कार्यकाल 5 मई 2024 को पूरा होगा. ऐसे में जुलाई 22 से मई 2024 तक विधान परिषद में भीमराव ही बसपा के एकमात्र सदस्य होंगे. विधानसभा चुनाव में इस बार पार्टी को एक सीट मिली है. ऐसे में भाजपा या सपा का सहयोग नहीं मिला तो मई 2024 के बाद परिषद में बसपा का एक भी सदस्य नहीं रहेगा.
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