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केजीएमयू में डॉक्टरों की लगेगी बायोमेट्रिक अटेंडेंस, मोतियाबिंद का नई तकनीक से होगा ऑपरेशन - केजीएमयू डॉक्टर

केजीएमयू में बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया जा रहा है. इसमें अंगूठे को पंच करने पर हाजिरी लगेगी. मशीन लगाने का काम चालू हो गया है.

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Published : May 19, 2022, 3:04 PM IST

Updated : May 19, 2022, 5:01 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू में अब डॉक्टरों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगेगी. ऐसे में जहां डॉक्टरों को समय पर आना होगा. साथ ही पूरी ड्यूटी के बाद ही वह घर जा सकेंगे. इसके साथ ही नेत्र रोग विभाग में मोतियाबिंद के ऑपरेशन की नई तकनीक विकसित की गई है.

केजीएमयू में बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया जा रहा है. इसमें अंगूठे को पंच करने पर हाजिरी लगेगी. मशीन लगाने का काम चालू हो गया है. कुछ विभागों में प्रयोग के तौर पर बायोमेट्रिक सिस्टम चालू किया गया है. संस्थान में करीब 450 डॉक्टर व करीब तीन हजार नियमित कर्मचारी हैं. सुबह नौ से शाम चार बजे तक इन सभी की ड्यूटी का समय तय है. डॉक्टर व कर्मचारियों की लेटलतीफी की शिकायतें मिली थीं. जिसके बाद यह मामला राजभवन तक पहुंचा. राज्यपाल ने इस मामले को गंभीरता से लिया. जिसके बाद बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था के निर्देश दिए. वहीं कुछ डॉक्टर बायोमेट्रिक हाजिरी को उचित नहीं मान रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कई बार ओपीडी, ऑपरेशन आदि में देर शाम तक रूकना पड़ता है. इस तरह की बंदिशों से काम का माहौल खराब होगा.

ये भी पढ़ें : सिविल अस्पताल की नई इमारत में होगी डबल बेसमेंट पार्किंग

मोतियाबिंद का आसान ऑपरेशन: केजीएमयू में पुराने मोतियाबिंद का सटीक ऑपरेशन शुरू हो गया है. इसके लिए नेत्र रोग विभाग ने ऑपरेशन की नई तकनीक विकसित की है. नेत्र रोग विभाग के डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि बहुत से लोग मोतियाबिंद का समय पर इलाज नहीं कराते हैं. इससे मोतियाबिंद भूरा हो जाता है. अधिक दिन हो जाने से यह काफी कठोर हो जाता है. विशेषज्ञों ने अब हॉरिजॉन्टल डायरेक्ट चॉप तकनीक विकसित की है. हॉरिजॉन्टल चॉप की नई तकनीक ब्लंट टिप्ड नागहारा फाको चॉपर नामक एक नए उपकरण संग किया जाता है. नेत्र रोग विभाग के डॉक्टर उन रोगियों की भी सफलतापूर्वक सर्जरी कर रहे हैं, जिनकी पहले सर्जरी नहीं होती थी.

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लखनऊ: केजीएमयू में अब डॉक्टरों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगेगी. ऐसे में जहां डॉक्टरों को समय पर आना होगा. साथ ही पूरी ड्यूटी के बाद ही वह घर जा सकेंगे. इसके साथ ही नेत्र रोग विभाग में मोतियाबिंद के ऑपरेशन की नई तकनीक विकसित की गई है.

केजीएमयू में बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया जा रहा है. इसमें अंगूठे को पंच करने पर हाजिरी लगेगी. मशीन लगाने का काम चालू हो गया है. कुछ विभागों में प्रयोग के तौर पर बायोमेट्रिक सिस्टम चालू किया गया है. संस्थान में करीब 450 डॉक्टर व करीब तीन हजार नियमित कर्मचारी हैं. सुबह नौ से शाम चार बजे तक इन सभी की ड्यूटी का समय तय है. डॉक्टर व कर्मचारियों की लेटलतीफी की शिकायतें मिली थीं. जिसके बाद यह मामला राजभवन तक पहुंचा. राज्यपाल ने इस मामले को गंभीरता से लिया. जिसके बाद बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था के निर्देश दिए. वहीं कुछ डॉक्टर बायोमेट्रिक हाजिरी को उचित नहीं मान रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कई बार ओपीडी, ऑपरेशन आदि में देर शाम तक रूकना पड़ता है. इस तरह की बंदिशों से काम का माहौल खराब होगा.

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मोतियाबिंद का आसान ऑपरेशन: केजीएमयू में पुराने मोतियाबिंद का सटीक ऑपरेशन शुरू हो गया है. इसके लिए नेत्र रोग विभाग ने ऑपरेशन की नई तकनीक विकसित की है. नेत्र रोग विभाग के डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि बहुत से लोग मोतियाबिंद का समय पर इलाज नहीं कराते हैं. इससे मोतियाबिंद भूरा हो जाता है. अधिक दिन हो जाने से यह काफी कठोर हो जाता है. विशेषज्ञों ने अब हॉरिजॉन्टल डायरेक्ट चॉप तकनीक विकसित की है. हॉरिजॉन्टल चॉप की नई तकनीक ब्लंट टिप्ड नागहारा फाको चॉपर नामक एक नए उपकरण संग किया जाता है. नेत्र रोग विभाग के डॉक्टर उन रोगियों की भी सफलतापूर्वक सर्जरी कर रहे हैं, जिनकी पहले सर्जरी नहीं होती थी.

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Last Updated : May 19, 2022, 5:01 PM IST
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