लखनऊ : केजीएमयू के बायोकेमिस्ट्री विभाग में अब सिर्फ जांच ही नहीं बल्कि डॉक्टरी की पढ़ाई भी कराई जाएगी. विभाग में पीजी कोर्स शुरू हो गया है. पहले बैच में दो छात्रों ने प्रवेश भी ले लिया है.
बायोकेमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डॉ. अब्बास अली मेहंदी ने विभाग में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अभी विभाग में खून से जुड़ी जांचें हो रही हैं. इसमें लिवर, गुर्दा, ब्लड, गैस एनालिसिस समेत अन्य जांचें शामिल हैं. अब पीजी की पढ़ाई भी होगी. पहले बैच में डॉ. कृति कतुरिया और डॉ. प्रशांत पाण्डेय ने दाखिला लिया है. कार्यक्रम के दौरान छात्रों को विभागीय गतिविधियों से अवगत कराया गया. इस दौरान शिक्षण, प्रयोगशालाओं, अनुसंधान, उद्योग में जैव रसायन के महत्व और दायरे के बारे में भी बताया गया.
केजीएमयू में मेडिसिन विभाग की डीन डॉ. उमा सिंह ने छात्रों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इलाज में बायोकेमेस्ट्री संबंधी जांच की काफी अहमियत है. कड़ी मेहनत और ईमानदारी से पढ़ाई करें. नई तकनीक सीखें ताकि इसका फायदा मरीजों को मिल सके. साथ ही चुनौतियों का सामना करने एवं देश के विकास में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करें. इस दौरान पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. यूएस सिंह, माक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन, फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरसिंह वर्मा, फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके वर्मा, ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा और एनाटॉमी की विभागाध्यक्ष, डॉ. पुनीता माणिक मौजूद रहीं.
कार्यक्रम में बायोकेमिस्ट्री विभाग की संकाय सदस्य डॉ. शिवानी पाण्डेय, डॉ. रंजना सिंह, डॉ. कल्पना सिंह, डॉ. दिलुतपल शर्मा, डॉ. एम कलीम अहमद, डॉ. जीके सोनकर और डॉ. श्वेता कुमारी मौजूद रहीं.
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