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विधानसभा चुनाव में हार के बाद बसपा में बड़ा बदलाव, पार्टी में कई पद खत्म

बसपा प्रमुख मायावती ने कई पद खत्म करके नए सिरे से पार्टी का ढांचा खड़ा करने का फैसला किया है. इसके लिये पार्टी में कई पद भी खत्म कर दिये गये हैं.

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बसपा प्रमुख मायावती
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Published : Jun 4, 2022, 9:26 PM IST

लखनऊ: चुनावी रण में हाथी बार-बार हार रहा है. विधानसभा चुनाव में तो उसकी सांसें फूल गईं. ज्यादातर सीटों पर दौड़ में वह पीछे ही रहा है. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने हाथी में जोश भरने के लिये महावतों को बदलने का फैसला किया है. इसको लेकर संगठन में कई पद खत्म करके नए सिरे से पार्टी का ढांचा खड़ा करने की कोशिश की जा रही है.

विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा अकेले ही मैदान में उतरी. उसने सभी 403 सीटों पर प्रत्याशी उतारे. साथ ही सामाजिक समीकरण भी साधने की कोशिश की. मगर, परिणाम में सिर्फ एक सीट ही हाथ लगी. ऐसे में बसपा प्रमुख ने पार्टी पदाधिकारियों को लखनऊ तलब किया. गत सप्ताह दो दिनों तक समीक्षा बैठक की. इसमें लखनऊ समेत कई जिलों के अध्यक्षों को बदला गया.

जानकारी देते संवाददाता संदीप पांडेय
जोनल कॉर्डिनेटर का पद खत्म, मंडल प्रभारी बनाये: बसपा में जोनल कॉर्डिनेटर प्रभावशाली पद रहा है. टिकट बंटवारे में इसका अहम योगदान रहता था. यह पद अब पार्टी में खत्म कर दिया है. इसकी जगह अब मंडल प्रभारी बनाये गए हैं. एक मंडल में तीन प्रभारी तैनात किए गए हैं. लखनऊ के मंडल प्रभारी डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा कि पार्टी ने संगठन में बदलाव किया है. जोनल कॉर्डिनेटर का पद खत्म कर दिया गया है. भाई चारा कमेटी समाप्त: बसपा में सवर्ण, दलित, मुस्लिम को जोड़ने वाली भाई चारा कमेटी को समाप्त कर दिया है. इसकी जगह पर अब विधानसभा सचिव बनाए गए हैं. एक विधानसभा में चार सचिव बनाए जा रहे हैं. इसमें एक सवर्ण, एक एससी, एक ओबीसी, एक मुस्लिम सचिव होगा. वहीं जिला पर अधिकतम 6 जिला सचिव होंगे.

ये भी पढ़ें : ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी: निवेशकों को हर स्तर पर मिलेगा सरकार का सहयोग व संरक्षण-सीएम योगी

हर विधानसभा में 75 हजार सदस्य: मायावती ने विधानसभावार संगठन दोबारा खड़ा करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों को विधानसभावार 75 हजार सदस्य जोड़ने के निर्देश दिए गये हैं. इसके लिये सदस्यता अभियान शुरू कर दिया गया है. यह लक्ष्य पदाधिकारियों को दो माह में पूरा करना होगा.

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लखनऊ: चुनावी रण में हाथी बार-बार हार रहा है. विधानसभा चुनाव में तो उसकी सांसें फूल गईं. ज्यादातर सीटों पर दौड़ में वह पीछे ही रहा है. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने हाथी में जोश भरने के लिये महावतों को बदलने का फैसला किया है. इसको लेकर संगठन में कई पद खत्म करके नए सिरे से पार्टी का ढांचा खड़ा करने की कोशिश की जा रही है.

विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा अकेले ही मैदान में उतरी. उसने सभी 403 सीटों पर प्रत्याशी उतारे. साथ ही सामाजिक समीकरण भी साधने की कोशिश की. मगर, परिणाम में सिर्फ एक सीट ही हाथ लगी. ऐसे में बसपा प्रमुख ने पार्टी पदाधिकारियों को लखनऊ तलब किया. गत सप्ताह दो दिनों तक समीक्षा बैठक की. इसमें लखनऊ समेत कई जिलों के अध्यक्षों को बदला गया.

जानकारी देते संवाददाता संदीप पांडेय
जोनल कॉर्डिनेटर का पद खत्म, मंडल प्रभारी बनाये: बसपा में जोनल कॉर्डिनेटर प्रभावशाली पद रहा है. टिकट बंटवारे में इसका अहम योगदान रहता था. यह पद अब पार्टी में खत्म कर दिया है. इसकी जगह अब मंडल प्रभारी बनाये गए हैं. एक मंडल में तीन प्रभारी तैनात किए गए हैं. लखनऊ के मंडल प्रभारी डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा कि पार्टी ने संगठन में बदलाव किया है. जोनल कॉर्डिनेटर का पद खत्म कर दिया गया है. भाई चारा कमेटी समाप्त: बसपा में सवर्ण, दलित, मुस्लिम को जोड़ने वाली भाई चारा कमेटी को समाप्त कर दिया है. इसकी जगह पर अब विधानसभा सचिव बनाए गए हैं. एक विधानसभा में चार सचिव बनाए जा रहे हैं. इसमें एक सवर्ण, एक एससी, एक ओबीसी, एक मुस्लिम सचिव होगा. वहीं जिला पर अधिकतम 6 जिला सचिव होंगे.

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हर विधानसभा में 75 हजार सदस्य: मायावती ने विधानसभावार संगठन दोबारा खड़ा करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों को विधानसभावार 75 हजार सदस्य जोड़ने के निर्देश दिए गये हैं. इसके लिये सदस्यता अभियान शुरू कर दिया गया है. यह लक्ष्य पदाधिकारियों को दो माह में पूरा करना होगा.

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