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लखनऊः राजधानी में भंडारे का दौर शुरू, नवाबों के समय से ही चल रहा सिलसिला - लखनऊ में बड़े मंगल का इतिहास

लखनऊ में बड़ा मंगल बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है. इस दिन यहां के लगभग हर चौराहे पर भंडारों का आयोजन होता है और इस दिन शहर में कार्यालयों और स्कूलों में छुट्टी रहती है.

बड़े मंगल का दौर शुरू.
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Published : May 21, 2019, 10:37 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बड़े मंगल का दौर शुरू हो गया है. जेष्ठ माह के मंगल को लखनऊवासी बड़े मंगल के तौर पर मनाते हैं. इस दिन यहां बड़े पैमाने पर भंडारों का आयोजन किया जाता है. बड़े मंगल के अवसर पर भगवान हनुमान को खुश करने के लिए लखनऊ में लगभग हर चौराहे पर दान के उद्देश्य से लोग पानी, शरबत, पूड़ी सब्जी का भंडारा करते हैं.

बड़े मंगल का दौर शुरू.

बड़े मंगल पर भंडारे का सिलसिला नवाबों के समय से चल रहा है. जानकारी के मुताबिक नवाबों के दौर में भी भगवान बजरंगबली के प्रति लोगों में खूब आस्था थी. उसी आस्था का नतीजा है कि अलीगंज में नवाबों की महारानी छतर कुंवर ने पुराना हनुमान मंदिर का निर्माण कराया था.

लखनऊ में बड़े मंगल का दौर शुरू

  • नवाबों के दौर में भी भगवान बजरंगबली के प्रति लोगों में खूब आस्था थी.
  • लखनऊ के अलीगंज में नवाबों की महारानी छतर कुंवर ने ऐतिहासिक पुराना हनुमान मंदिर का निर्माण कराया था.
  • बड़े मंगल पर यहां लगभग हर चौराहे पर भंडारे का आयोजन होता है.
  • आज के दौर में यहां के लोग परंपरागत शरबत और पानी के साथ पूरी सब्जी, छोला भटूरा, कोल्ड ड्रिंक, कढ़ी चावल, आइसक्रीम इत्यादि का भंडारा करते हैं.
  • इस दिन शहर में कार्यालयों और स्कूलों में छुट्टी रहती है.
  • अलीगंज हनुमान मंदिर में हर बड़े मंगल पर भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है.

सन 1798 में नवाब सहादत अली खान बीमार पड़ गए थे, और वह गंभीर बीमारी से जूझ रहे, तब नवाब की मां छतर कुंवर ने बजरंगबली से मन्नत मांगी कि अगर उनके पुत्र नवाब सहादत अली की तबीयत ठीक हो जाएगी तो वह बजरंगबली का भव्य मंदिर का निर्माण कराएंगी. नवाब सआदत अली की तबीयत ठीक होने के बाद मां छतर कुंवर ने अलीगंज में भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण कराया. इस मंदिर को पुराने हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है.

-योगेश प्रवीन, इतिहासकार

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बड़े मंगल का दौर शुरू हो गया है. जेष्ठ माह के मंगल को लखनऊवासी बड़े मंगल के तौर पर मनाते हैं. इस दिन यहां बड़े पैमाने पर भंडारों का आयोजन किया जाता है. बड़े मंगल के अवसर पर भगवान हनुमान को खुश करने के लिए लखनऊ में लगभग हर चौराहे पर दान के उद्देश्य से लोग पानी, शरबत, पूड़ी सब्जी का भंडारा करते हैं.

बड़े मंगल का दौर शुरू.

बड़े मंगल पर भंडारे का सिलसिला नवाबों के समय से चल रहा है. जानकारी के मुताबिक नवाबों के दौर में भी भगवान बजरंगबली के प्रति लोगों में खूब आस्था थी. उसी आस्था का नतीजा है कि अलीगंज में नवाबों की महारानी छतर कुंवर ने पुराना हनुमान मंदिर का निर्माण कराया था.

लखनऊ में बड़े मंगल का दौर शुरू

  • नवाबों के दौर में भी भगवान बजरंगबली के प्रति लोगों में खूब आस्था थी.
  • लखनऊ के अलीगंज में नवाबों की महारानी छतर कुंवर ने ऐतिहासिक पुराना हनुमान मंदिर का निर्माण कराया था.
  • बड़े मंगल पर यहां लगभग हर चौराहे पर भंडारे का आयोजन होता है.
  • आज के दौर में यहां के लोग परंपरागत शरबत और पानी के साथ पूरी सब्जी, छोला भटूरा, कोल्ड ड्रिंक, कढ़ी चावल, आइसक्रीम इत्यादि का भंडारा करते हैं.
  • इस दिन शहर में कार्यालयों और स्कूलों में छुट्टी रहती है.
  • अलीगंज हनुमान मंदिर में हर बड़े मंगल पर भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है.

सन 1798 में नवाब सहादत अली खान बीमार पड़ गए थे, और वह गंभीर बीमारी से जूझ रहे, तब नवाब की मां छतर कुंवर ने बजरंगबली से मन्नत मांगी कि अगर उनके पुत्र नवाब सहादत अली की तबीयत ठीक हो जाएगी तो वह बजरंगबली का भव्य मंदिर का निर्माण कराएंगी. नवाब सआदत अली की तबीयत ठीक होने के बाद मां छतर कुंवर ने अलीगंज में भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण कराया. इस मंदिर को पुराने हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है.

-योगेश प्रवीन, इतिहासकार

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बड़े मंगल का दौर शुरू हो गया है। जेष्ठ माह के पहले मंगल को लखनऊवासी बड़े मंगल के तौर पर मनाते हैं
इस दिन राजधानी लखनऊ में बड़े पैमाने पर भंडारों का आयोजन किया जाता है बड़े मंगल पर भगवान हनुमान को खुश करने के लिए दान के उद्देश्य से लोग पानी, शरबत, पूड़ी सब्जी का भंडारा करते हैं। लखनऊ वासियों में भगवान श्री हनुमान के प्रति कितनी आस्था है कि लखनऊ में बड़े मंगल के दिन हर चौराहे पर भंडारे का आयोजन किया जाता है। बड़े मंगल पर भंडारे का सिलसिला नवाबो के समय से चल रहा है। आज के दौर पर लोग परंपरागत शरबत पानी के साथ साथ पूरी सब्जी, छोला भटूरा, कोल्ड ड्रिंक कढ़ी चावल आइसक्रीम का भंडारा भी करते हैं। बड़े मंगल पर्व को राजधानी लखनऊ में कितनी धूमधाम से मनाया जाता है कि आज के दिन शहर में छुट्टी रहती है।





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लखनऊ में भंडारों का दौर नवाबो के समय से है नवाबों के दौर में भी भगवान बजरंगबली के प्रति लोगों में खूब आस्था थी। उसी आस्था का नतीजा है की अलीगंज में नवाबों की महारानी छतर कुंवर ने ऐतिहासिक पुराना हनुमान मंदिर का निर्माण कराया था इतिहासकार योगेश प्रवीन ने जानकारी देते हुए बताया कि सन 1798 में नवाब सहादत अली खान बीमार पड़ गए थे गंभीर बीमारी से जूझ रहे नवाब की मां छतर कुंवर ने बजरंगबली से मन्नत मांगी कि अगर उनके पुत्र नवाब सहादत अली की तबीयत ठीक हो जाएगी तो वह बजरंगबली का भव्य मंदिर का निर्माण कराएंगे नवाब सआदत अली की तबीयत ठीक होने के बाद मां छतर पुअर ने अलीगंज में भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण कराएं इस मंदिर को पुराने हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। नवाबों की महारानी छात्र कुंवर का हनुमान जी के प्रति अपार स्नेह व श्रद्धा थे इसीलिए उन्होंने नवाब सआदत अली खान का नाम मिर्जा मंगलू रखा था शहादत अली को वह प्यार से मिर्जा मंगलू ही कह कर बुलाया करती थी। मंगलू नाम बड़े मंगल की आस्था से ही जुड़ा हुआ था।


अलीगंज में एक और हनुमान मंदिर है जिसे प्राचीन नया हनुमान मंदिर कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण अट्ठारह सौ पचास में जाटमल नाम के एक व्यापारी ने कराया था। या व्यापारी पश्चिमी क्षेत्र से अवध इत्र का व्यापार करने आया था व्यापार के लिए या अपने साथ बड़ी संख्या में इत्र लेकर आया था उस समय अवध के नवाब वाजिद अली खान थे। तमाम प्रयासों के बावजूद भी जाटमल व्यापार में सफलता नहीं पा रहा था और उसका इत्र नहीं बिक रहा था। अलीगढ़ में एक पेड़ के नीचे प्राचीन हनुमान मूर्ति रखी हुई थी उसके बारे में व्यापारी में जानकारी प्राप्त की पुजारी ने उसे मूर्ति के बारे में बताया। मूर्ति के बारे में जानकारी प्राप्त कर व्यापारी प्रभावित हुआ जिसके बाद उसने कहा कि अगर उसे व्यापार में सफलता मिलेगी तो वह मंदिर का निर्माण कराएगा। मन्नत मांगने के बाद व्यापारी का इत्र नवाब वाजिद अली ने खरीद लिया। जिसके बाद व्यापारी जाटमल ने नए प्राचीन हनुमान मंदिर का निर्माण करवाया जिसकी स्थापना के तौर पर ही बड़े मंगल का आयोजन किया जाता है और अलीगंज हनुमान मंदिर पर भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है।

यह लखनऊ के प्राचीन मंदिर

राजधानी लखनऊ में हनुमान जी के तमाम प्राचीन मंदिर है इनमें से प्रमुख प्राचीन मंदिर पुराना ऐतिहासिक मंदिर अलीगंज, नया ऐतिहासिक मंदिर अलीगंज, सांची कुआं मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर, लंका दहन मंदिर, बालाजी मंदिर हनुमान मंदिर, लेटे हुए हनुमान जी मंदिर।


संवाददाता
प्रशांत मिश्रा
90 2639 25 26



Conclusion:बाइक

इतिहासकार योगेश प्रवीन ने बताया कि भगवान हनुमान के प्रति अपनी श्रद्धा व आस्था दिखाने के लिए लखनऊ में बड़े पैमाने पर भंडारों का आयोजन किया जाता है या परंपरा नवाबों के समय से चली आ रही है नवाबों के समय शरबत बांटने की प्रथा थी जो बाद में बदली और पूड़ी सब्जी का चलन शुरू हुआ पूरी सब्जी के साथ साथ आज छोला भटूरा सहित तमाम पकवान भंडारे में प्रसाद के तौर पर वितरित किए जाते हैं। नवाबों की महारानी छतरपुर की बजरंगबली में काफी आस्था थी जिसके चलते उन्होंने अलीगंज में पुराना ऐतिहासिक हनुमान मंदिर का निर्माण कराया था इस मंदिर के छत पर चांद बना हुआ है जिससे साबित होता है कि मंदिर का निर्माण ना बाबू ने कराया था।
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