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पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से मिली जमानत

उत्तर प्रदेश के चर्चित पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दे दी. वो रेप पीड़ित और उसके गवाह को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जेल में हैं.

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अमिताभ ठाकुर को जमानत
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Published : Mar 14, 2022, 5:20 PM IST

Updated : Mar 14, 2022, 8:22 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ज़मानत याचिका मंजूर कर ली. अमिताभ ठाकुर रेप पीड़ित और उसके गवाह को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जेल में हैं. इस मामले में बसपा सांसद अतुल राय भी फिलहाल जेल में है. इसके पूर्व अमिताभ ठाकुर की दो जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय से खारिज हो चुकी थीं.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने पारित किया. न्यायालय के समक्ष अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि दुराचार पीड़ित और उसके साथी ने उसे धमकी दी थी कि वे अभियुक्त के घर के सामने आत्महत्या कर लेंगे और बाद में अभियुक्त के घर के सामने आकर हंगामा भी किया था. इस पर अभियुक्त ने तत्काल डीजीपी को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया था. दोनों के विरुद्ध गोमती नगर थाने में अभियुक्त की शिकायत पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी. यह भी दलील दी गई कि पीड़ित ने बसपा सांसद अतुल राय पर दुराचार के आरोप लगाए थे.

इसे लेकर पुलिस की ही जांच में सामने आया था कि पीड़ित का साथी जेल में बंद अंगद राय नाम के व्यक्ति से दस हजार से ज्यादा बार बात कर चुका था. उसके कहने पर ही अतुल राय को फंसाया गया था. कहा गया कि अभियुक्त ने इसी तथ्य को सोशल मीडिया पर शेयर किया था. यह भी दलील दी गई कि पीड़ित के साथी ने अभियुक्त से रुपयों की मांग भी की थी. वहीं जमानत याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि अतुल राय के खिलाफ पीड़ित ने दुराचार की जो एफआईआर लिखाई गई थी, उसमें आरोप सही पाए जाने पर विवेचना के उपरांत अतुल राय के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका था.

हालांकि अतुल राय के पिता के अग्रिम जांच सम्बंधी प्रार्थना पत्र पर जांच के आदेश दिए गए थे, जिसमें प्रथम दृष्टया पीड़ित औऱ उसके साथी द्वारा साजिशन फंसाने की बात सामने आई थी लेकिन उक्त रिपोर्ट अंतिम नहीं थी. उक्त रिपोर्ट को अभियुक्त द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हासिल किया गया व सोशल मीडिया पर अतुल राय की मदद करने के लिए डाला गया. इससे पीड़ित की गरिमा को भारी ठेस पहुंची और उसने तथा उसके साथी ने आत्महत्या कर ली. न्यायालय ने मामले के सभी परिस्थितियों पर गौर करने के उपरांत अमिताभ ठाकुर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) को सोमवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ी राहत मिल गयी. इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने अमिताभ ठाकुर को जमानत दे दी. हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव सिंह की कोर्ट ने जमानत दी. अमिताभ ठाकुर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में वाराणसी की रेप पीड़ित के सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने के प्रकरण में दर्ज हुई एफआईआर में जमानत को लेकर बहस हुई.

ये भी पढ़ें- होली में मुफ्त गैस सिलेंडर का तोहफा देने की तैयारी, शासन स्तर पर वादे पूरे करने पर मंथन शुरू

इससे पहले रेप पीड़ित की आत्महत्या से जुड़े मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था. रेप पीड़िता ने अमिताभ के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने और उन पर रेप करने के आरोपी सांसद अतुल राय को बचाने, मुख्तार अंसारी की शह पर पीड़ित के खिलाफ षड्यंत्र रचने का भी आरोप लगाया था. पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ओर से कोर्ट में पक्ष रखा गाय और बताया गया कि उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया गया. जानबूझ कर सुप्रीम कोर्ट के सामने आखिरी वीडियो में सात लोगों में केवल उन्हें ही मुजरिम बनाया गया.

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लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ज़मानत याचिका मंजूर कर ली. अमिताभ ठाकुर रेप पीड़ित और उसके गवाह को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जेल में हैं. इस मामले में बसपा सांसद अतुल राय भी फिलहाल जेल में है. इसके पूर्व अमिताभ ठाकुर की दो जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय से खारिज हो चुकी थीं.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने पारित किया. न्यायालय के समक्ष अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि दुराचार पीड़ित और उसके साथी ने उसे धमकी दी थी कि वे अभियुक्त के घर के सामने आत्महत्या कर लेंगे और बाद में अभियुक्त के घर के सामने आकर हंगामा भी किया था. इस पर अभियुक्त ने तत्काल डीजीपी को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया था. दोनों के विरुद्ध गोमती नगर थाने में अभियुक्त की शिकायत पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी. यह भी दलील दी गई कि पीड़ित ने बसपा सांसद अतुल राय पर दुराचार के आरोप लगाए थे.

इसे लेकर पुलिस की ही जांच में सामने आया था कि पीड़ित का साथी जेल में बंद अंगद राय नाम के व्यक्ति से दस हजार से ज्यादा बार बात कर चुका था. उसके कहने पर ही अतुल राय को फंसाया गया था. कहा गया कि अभियुक्त ने इसी तथ्य को सोशल मीडिया पर शेयर किया था. यह भी दलील दी गई कि पीड़ित के साथी ने अभियुक्त से रुपयों की मांग भी की थी. वहीं जमानत याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि अतुल राय के खिलाफ पीड़ित ने दुराचार की जो एफआईआर लिखाई गई थी, उसमें आरोप सही पाए जाने पर विवेचना के उपरांत अतुल राय के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका था.

हालांकि अतुल राय के पिता के अग्रिम जांच सम्बंधी प्रार्थना पत्र पर जांच के आदेश दिए गए थे, जिसमें प्रथम दृष्टया पीड़ित औऱ उसके साथी द्वारा साजिशन फंसाने की बात सामने आई थी लेकिन उक्त रिपोर्ट अंतिम नहीं थी. उक्त रिपोर्ट को अभियुक्त द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हासिल किया गया व सोशल मीडिया पर अतुल राय की मदद करने के लिए डाला गया. इससे पीड़ित की गरिमा को भारी ठेस पहुंची और उसने तथा उसके साथी ने आत्महत्या कर ली. न्यायालय ने मामले के सभी परिस्थितियों पर गौर करने के उपरांत अमिताभ ठाकुर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) को सोमवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ी राहत मिल गयी. इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने अमिताभ ठाकुर को जमानत दे दी. हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव सिंह की कोर्ट ने जमानत दी. अमिताभ ठाकुर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में वाराणसी की रेप पीड़ित के सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने के प्रकरण में दर्ज हुई एफआईआर में जमानत को लेकर बहस हुई.

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इससे पहले रेप पीड़ित की आत्महत्या से जुड़े मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था. रेप पीड़िता ने अमिताभ के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने और उन पर रेप करने के आरोपी सांसद अतुल राय को बचाने, मुख्तार अंसारी की शह पर पीड़ित के खिलाफ षड्यंत्र रचने का भी आरोप लगाया था. पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ओर से कोर्ट में पक्ष रखा गाय और बताया गया कि उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया गया. जानबूझ कर सुप्रीम कोर्ट के सामने आखिरी वीडियो में सात लोगों में केवल उन्हें ही मुजरिम बनाया गया.

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Last Updated : Mar 14, 2022, 8:22 PM IST
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