लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court Lucknow Bench) ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के मामले में शिया धर्म गुरु कल्बे सिब्तैन की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को मंजूर कर ली. न्यायालय ने कहा कि इस मामले में अभियुक्त को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए.
यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने सैयद कल्बे सिब्तैन उर्फ नूरी की अग्रिम जमानत याचिका पर दिया. याची की ओर से अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी कि याची प्रसिद्ध शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे सादिक के बेटे है. उन्हें पद्म-भूषण अवार्ड से नवाजा जा चुका है. वर्तमान मामले में एफआईआर में उसे नामजद नहीं किया गया था. कुछ स्थानीय नेताओं ने साजिशन इस मामले की विवेचना के दौरान याची का नाम डलवा दिया.
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इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध किया गया. दलील दी गई कि इस मामले में याची ही मास्टर माइंड है. उसके कहने पर ही सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट की विधि व्यवस्थाओं का उल्लेख करते हुए, याची की याचिका मंजूर कर ली.
सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दंगा करने और सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले को लेकर याची और 27 अन्य लोगों के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद 15 जुलाई 2021 को कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
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