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विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई टली, अभियुक्तों को बरी करने के फैसले को दी गई है चुनौती - विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (allahabad high court lucknow bench) में अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई सोमवार को टल गयी. अभियुक्तों को बरी करने के फैसले को चुनौती दी है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Sep 27, 2022, 7:36 AM IST

लखनऊ: अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई सोमवार को टल गयी. सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल अपील पर सुनवाई अब 31 अक्टूबर को होगी. वहीं सीबीआई की ओर से दी गई आपत्ति पर अब तक अपीलायार्थियों ने जवाब नहीं दाखिल किया था.

न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल की खंडपीठ (allahabad high court lucknow bench) के समक्ष सोमवार को अपील सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी. लेकिन अपीलार्थी की ओर से मामले में अग्रिम तिथि नियत करने का निवेदन किया गया. उल्लेखनीय है कि अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद व सैयद अखलाक अहमद की ओर से यह अपील दाखिल की गई है. मामले में शुरुआत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी, जिसे न्यायालय ने आपराधिक अपील में परिवर्तित करने का आदेश दिया था. सीबीआई का कहना है कि अपीलार्थीगण विवादित ढांचा गिराए जाने के इस मामले के पीड़ित नहीं हैं लिहाजा सीआरपीसी की धारा 372 के परंतुक के तहत वर्तमान अपील दाखिल नहीं कर सकते.

वहीं अपीलार्थियों का कहना है कि वे इस मामले में विवादित ढांचा गिराए जाने की वजह से पीड़ित पक्ष हैं लिहाजा उन्हें सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने का अधिकार है. उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत, अयोध्या प्रकरण ने 30 सितम्बर 2020 को निर्णय पारित करते हुए, विवादित ढांचा विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, लोक सभा सदस्यों साक्षी महाराज, लल्लू सिंह व बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था. वर्तमान अपील में कहा गया है कि दोनों अपीलार्थी उक्त मामले में न सिर्फ गवाह थे बल्कि घटना के पीड़ित भी हैं.

ये भी पढ़ें- औरैया में टीचर की पिटाई से दलित छात्र की मौत, कानपुर IG और मंडलायुक्त परिजनों से मिले

लखनऊ: अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई सोमवार को टल गयी. सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल अपील पर सुनवाई अब 31 अक्टूबर को होगी. वहीं सीबीआई की ओर से दी गई आपत्ति पर अब तक अपीलायार्थियों ने जवाब नहीं दाखिल किया था.

न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल की खंडपीठ (allahabad high court lucknow bench) के समक्ष सोमवार को अपील सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी. लेकिन अपीलार्थी की ओर से मामले में अग्रिम तिथि नियत करने का निवेदन किया गया. उल्लेखनीय है कि अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद व सैयद अखलाक अहमद की ओर से यह अपील दाखिल की गई है. मामले में शुरुआत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी, जिसे न्यायालय ने आपराधिक अपील में परिवर्तित करने का आदेश दिया था. सीबीआई का कहना है कि अपीलार्थीगण विवादित ढांचा गिराए जाने के इस मामले के पीड़ित नहीं हैं लिहाजा सीआरपीसी की धारा 372 के परंतुक के तहत वर्तमान अपील दाखिल नहीं कर सकते.

वहीं अपीलार्थियों का कहना है कि वे इस मामले में विवादित ढांचा गिराए जाने की वजह से पीड़ित पक्ष हैं लिहाजा उन्हें सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने का अधिकार है. उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत, अयोध्या प्रकरण ने 30 सितम्बर 2020 को निर्णय पारित करते हुए, विवादित ढांचा विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, लोक सभा सदस्यों साक्षी महाराज, लल्लू सिंह व बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था. वर्तमान अपील में कहा गया है कि दोनों अपीलार्थी उक्त मामले में न सिर्फ गवाह थे बल्कि घटना के पीड़ित भी हैं.

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