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एकेटीयू के इन्क्यूबेशन सेंटर को मिला प्रमाण पत्र, अब स्टार्टअप फंड के लिए कर सकेंगे आवेदन

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और एआईसीटीई की ओर से एकेटीयू के इनोवेशन हब को इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) स्थापित करने की मंजूरी का प्रमाण पत्र मिल गया है.

एकेटीयू
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Published : May 27, 2022, 2:52 PM IST

लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय को बड़ी उपलब्धि मिली है. विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर को उत्तर प्रदेश सरकार की यूपी स्टार्टअप नोडल एजेंसी से इन्क्यूबेटर प्रमाण पत्र मिला. इसका फायदा ये होगा कि अब इन्क्यूबेशन सेंटर यूपी स्टार्टअप की ओर से जारी होने वाले फंड को लेने के लिए आवेदन कर सकेगा. यही नहीं, सेंटर में नवाचार करने वाले छात्रों को प्रदेश सरकार की ओर से सहायता राशि भी मिलने लगेगी.

गौरतलब है कि कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र के निर्देशन में विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब की ओर से नवाचार और स्टार्टअप के प्रति विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए समय-समय पर उन्हें सहायता दी जा रही है ताकि विद्यार्थी अपने नवाचार को स्टार्टअप में बदल कर उद्यमिता शुरू कर सकें. साथ ही आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में सहभागी बनें.

ये भी पढ़ें : कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर जीती भाजपा, बजट में भी वही प्राथमिकता

विश्वविद्यालय स्थापित कर सकेगा आईआईसी : भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और एआईसीटीई की ओर से एकेटीयू के इनोवेशन हब को इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) स्थापित करने की मंजूरी का प्रमाण पत्र मिल गया है. इस सबंध में विश्वविद्यालय को यह पहला प्रमाण पत्र दिया गया है. इसका फायदा ये होगा कि अच्छी रैंकिंग आने पर विश्वविद्यालय को आर्थिक सहायता दी जाएगी. साथ ही यह मेंटॉर विश्वविद्यालय भी बन जाएगा. इसके बाद दूसरे कॉलेजेज को मेंटॉर करने का अधिकार भी मिल जाएगा.

इसके साथ ही एआईसीटीई की योजनाओं का भी लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा. कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि ये दोनों प्रमाणपत्र मिलना विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि है. इसका फायदा निश्चित ही विद्यार्थियों को मिलेगा. नवाचार और स्टार्टअप को न केवल बल मिलेगा बल्कि छात्र भी पूरी ऊर्जा से अपनी क्षमता का उपयोग कर सकेंगे.

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लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय को बड़ी उपलब्धि मिली है. विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर को उत्तर प्रदेश सरकार की यूपी स्टार्टअप नोडल एजेंसी से इन्क्यूबेटर प्रमाण पत्र मिला. इसका फायदा ये होगा कि अब इन्क्यूबेशन सेंटर यूपी स्टार्टअप की ओर से जारी होने वाले फंड को लेने के लिए आवेदन कर सकेगा. यही नहीं, सेंटर में नवाचार करने वाले छात्रों को प्रदेश सरकार की ओर से सहायता राशि भी मिलने लगेगी.

गौरतलब है कि कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र के निर्देशन में विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब की ओर से नवाचार और स्टार्टअप के प्रति विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए समय-समय पर उन्हें सहायता दी जा रही है ताकि विद्यार्थी अपने नवाचार को स्टार्टअप में बदल कर उद्यमिता शुरू कर सकें. साथ ही आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में सहभागी बनें.

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विश्वविद्यालय स्थापित कर सकेगा आईआईसी : भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और एआईसीटीई की ओर से एकेटीयू के इनोवेशन हब को इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) स्थापित करने की मंजूरी का प्रमाण पत्र मिल गया है. इस सबंध में विश्वविद्यालय को यह पहला प्रमाण पत्र दिया गया है. इसका फायदा ये होगा कि अच्छी रैंकिंग आने पर विश्वविद्यालय को आर्थिक सहायता दी जाएगी. साथ ही यह मेंटॉर विश्वविद्यालय भी बन जाएगा. इसके बाद दूसरे कॉलेजेज को मेंटॉर करने का अधिकार भी मिल जाएगा.

इसके साथ ही एआईसीटीई की योजनाओं का भी लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा. कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि ये दोनों प्रमाणपत्र मिलना विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि है. इसका फायदा निश्चित ही विद्यार्थियों को मिलेगा. नवाचार और स्टार्टअप को न केवल बल मिलेगा बल्कि छात्र भी पूरी ऊर्जा से अपनी क्षमता का उपयोग कर सकेंगे.

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