लखनऊ : वाराणसी में गंगा की सहायक नदी वरुणा के प्रदूषण की फोटो सोशल मीडिया पर डालकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को सवालों के घेरे में आ गए. सोशल मीडिया पर तत्काल लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया कि जो फोटो अखिलेश यादव ने पोस्ट की है वह 2015 की है. तब उत्तर प्रदेश में उनकी ही सरकार थी. इसके साथ ही लोगों ने समय और तारीख के साथ वरुणा की आज की तस्वीर पोस्ट की. जिसमें नदी में प्रदूषण बहुत कम नजर आ रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने तत्काल इस मौके को भुनाया और अखिलेश यादव को आंखों पर चश्मा चढ़ाने की सलाह दी. साथ ही आजमगढ़ में फंस रहे चुनाव को बचाने के लिए भी कहा.
फेसबुक और ट्विटर पर अखिलेश यादव ने जो तस्वीर पोस्ट की है उसमें वरुणा जलकुंभी से भरी हुई है. पानी दिखाई नहीं दे रहा है और केवल जलकुंभी ही नजर आ रही है. फोटो पोस्ट करने के बाद उन्होंने नमामि गंगे योजना पर सवाल उठाया. जैसे ही यह फोटो ट्विटर और फेसबुक पर आई. अखिलेश यादव को ट्रोल का सामना करना पड़ा. लोगों ने समय और तारीख के साथ मौजूदा समय की वरुणा नदी की फोटो डाल दी. इसके साथ ही कुछ लोगों ने 2015 में फेसबुक पर पोस्ट की गई एक तस्वीर भी डाली. जिसमें वही तस्वीर इस्तेमाल की गई है जो अखिलेश यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी सामने आए और इस मुद्दे पर उन्होंने अखिलेश यादव पर कटाक्ष किया.
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अपने बयान में राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश बाबू आंखों पर चश्मा चढ़वाइये. वर्ष 2015 में जब यूपी में सपा सरकार थी तब 19 जून को अभिषेक त्रिपाठी जी ने ये फोटो फेसबुक पर पोस्ट की थी. दूसरी फोटो आज दोपहर एक बजे उसी एंगल से खींची गई है जो आपके झूठ का पर्दाफाश कर रही है. नजरें आज़मगढ़ पर लगाइये, जहां साइकिल ओझल हो रही है.
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