लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सभा की 11 सीटों पर 8 प्रत्याशियों को निर्विरोध चुने जाने के बाद देश के उच्च सदन भेजा है. वहीं अखिलेश यादव ने विधानसभा का चुनाव साथ लड़े जयंत चौधरी को राज्यसभा भेज गठबंधन को और मजबूत कर लिया है. माना जा रहा है कि अब यूपी के उच्च सदन में भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बीजेपी की सहयोगी पार्टी इस उम्मीद में है कि राज्यसभा नहीं तो विधान परिषद में तो उनके लोगों को पहुंचाकर पार्टी गठबंधन का धर्म निभाएगी.
यूपी में साल 2014 के लोक सभा चुनाव से ही कदम मिलाकर चल रही अपना दल (सोनेलाल) ने बीते विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाई. 12 सीट जीत कर राज्य की तीसरे नम्बर की पार्टी बनी. वहीं अब उम्मीदें और भी हिलोरे मारने लगी हैं. केंद्र में राज्य मंत्री और यूपी में कैबिनट मंत्री पद पटेल परिवार के पास है. ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि आगामी विधान परिषद के चुनाव में अपना दल (s) के कोटे से कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाए और पार्टी की संख्या विधान परिषद में भी मजबूत हो. पार्टी की मानें तो हर कार्यकर्ता यह चाहता है कि उसकी पार्टी के लोग विधानसभा व विधान परिषद तक ज्यादा संख्या में पहुंचे. ऐसे में इस बार के विधान परिषद के चुनाव में हमें भी भाजपा मौका देगी इसकी उम्मीद है.
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13 सीटों के लिए होना है चुनाव: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की कुल 100 सीटें हैं. जिनमें से 13 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल 6 जुलाई को समाप्त होने वाला है. जिसके चलते विधान परिषद की इन 13 सीटों पर 20 जून को चुनाव होना है. इसके लिए नामांकन 2 से 9 जून तक दाखिल किए जाएंगे. 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 13 जून तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकेंगे.
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