लखनऊ : नगर निगम के अधिकारियों द्वारा जनसमस्याओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था. जिसका संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अधिकारियों से नाराजगी जाहिर की थी. जिसके बाद हैदर कैनाल नाले की दोबारा सफाई कराने के निर्देश दिये थे.
राजधानी के हैदर कैनाल नाले की सफाई नगर निगम द्वारा फिर से करवाई जा रही है. बता दें कि मानसून आने से पहले नाले की सफाई करवाई गई थी, लेकिन नाले में जमी हुई सिल्ट को बाहर नहीं निकाला गया था. जिसकी वजह से इलाके में जलभराव और गंदगी की समस्या बनी थी. इस मामले में स्थानीय लोगों द्वारा डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से शिकायत की गई. इसको संज्ञान लेते हुए बृजेश पाठक ने नाराजगी जाहिर की. वहीं नगर निगम के आरआर विभाग द्वारा दो पोकलैंड मशीन, ट्रैक्टर ट्रॉली समेत दो दर्जन से अधिक कर्मचारी सफाई अभियान में लगाये गए हैं.
नगर निगम अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने 15 जुलाई को अधिकारियों की बैठक ली थी. बैठक के दौरान हैदर कैनाल नाले की साफ-सफाई पर उन्होंने नाराजगी जताई थी. इसके बाद उन्होंने नाले की दोबारा सफाई करने के निर्देश दिए. जिसके अनुपालन में शनिवार को हैदर कैनाल नाले की सफाई कराई गई.
पार्षद दल की नेता ने लगाये गंभीर आरोप : वहीं पार्षद दल की नेता ममता चौधरी ने नगर निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बीते कई महीनों से सदन नहीं बुलाया गया है. जिससे पार्षदों द्वारा अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को रखने का मौका नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से शहर के अधिकांश वार्ड में जन समस्याओं का अंबार लग चुका है. शहर में साफ-सफाई से लेकर, सीवर की लाइनें चोक हैं. इसके साथ ही तमाम दूसरी समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं.
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इस मामले में उन्होंने लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया को पत्र लिखकर फिर से सदन को चलाने की मांग की है. ममता चौधरी ने बताया कि अधिकारियों द्वारा जवाब दिया जाता है कि उनके पास गाड़ियां, डीजल, कर्मचारियों की कमी है. अधिकारी दूसरी कमियां गिनाकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.
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