लखनऊ: बिना अनुमति के लूलू मॉल में नमाज पढ़कर धार्मिक माहौल खराब करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मोहम्मद लुकमान समेत छह अभियुक्तों को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा है कि आरोपियों द्वारा बीस-बीस हजार रुपए की दो जमानतें व इसी धनराशि का मुचलका दाखिल करने पर जमानत पर रिहा किया जाता है.
अदालत के समक्ष मोहम्मद आदिल, मोहम्मद सईद, मोहम्मद इरफान, मोहम्मद आतिफ, मोहम्मद रेहान एवं मोहम्मद लुकमान की ओर से जमानत अर्जियां प्रस्तुत की गई थीं. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्तों का कोई अपराधिक इतिहास थाना सुशांत गोल्फ सिटी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया है. अभियुक्त इस मामले में नामजद न होने के बावजूद विगत 19 जुलाई से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में हैं.
उनके विरुद्ध बिना अनुमति के शॉपिंग काम्प्लेक्स में नमाज अदा करने का आरोप है. ऐसी स्थिति में उन्हें इस शर्त के साथ जमानत पर रिहा किया जाता है कि न्यायालय द्वारा बुलाए जाने पर सभी अभियुक्त उपस्थित होंगे तथा वह सबूतों से कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे और ना ही वह गवाहों को डराए व धमकाएंगे. जमानत का विरोध करते हुए सहायक अभियोजन अधिकारी सोनू सिंह राठौर ने बताया कि इस प्रकरण की रिपोर्ट लूलू मॉल के पीआर मैनेजर सिबतैन हुसैन ने 14 जुलाई को थाना सुशांत गोल्फ सिटी में दर्ज कराई थी.
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रिपोर्ट में आरोप लगाया कि 12 जुलाई को लूलू मॉल परिसर में अज्ञात लोगों द्वारा मॉल प्रबंधन की अनुमति एवं जानकारी के बिना धार्मिक कार्रवाई की गई है. मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने सबसे पहले आरोपी मोहम्मद लुकमान, मोहम्मद नुमान, मोहम्मद आतिफ खान एवं मोहम्मद रेहान को गिरफ्तार कर धारा 153 ए(1), 341, 505 एवं 295ए भारतीय दंड संहिता के आरोप में अदालत में पेश किया था.
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