खनऊ: लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एकेडमिक ब्लॉक का काम सीएम योगी से उद्घाटन करवाने के बाद रोक दिया गया है. विभागों और लैब को शिफ्ट नहीं किया जा पा रहा है और इसीलिए हॉस्पिटल ब्लॉक में मरीजों के लिए बेड की संख्या में बढ़ोतरी भी नहीं हो पा रही है.
13 मंजिल में से चार मंजिलों का ही काम पूरा
संस्थान का एकेडमिक ब्लॉक 13 मंजिला है. इसमें तीन मंजिला बेसमेंट है. इसमें सिर्फ चार मंजिलों का ही काम पूरा हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से डेढ़ साल पहले इसका उद्घाटन किया था. मगर, काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है.
एजेंसी को हो चुका है 95 फीसदी भुगतान
एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण 2015 में शुरू हुआ. राजकीय निर्माण निगम को पहले अगस्त 2018 तक भवन को संस्थान प्रशासन को हैंडओवर करना था. इसके बाद जुलाई 2019 में भवन सौंपने की तिथि दी गयी. अधूरे निर्माण को ढककर मुख्यमंत्री से 23 नवंबर 2019 को फीता कटवा दिया गया. बताया जा रहा है कि 363 करोड़ की तय लागत में से 95 फीसदी भुगतान एजेंसी को किया जा चुका है. वहीं हैंडओवर के बाद वाला सिर्फ 5 फीसदी भुगतान ही बाकी बचा है.
40 विभागों को शिफ्ट करने का प्लान
भवन में तीन मंजिला बेसमेंट छोड़कर प्रथम, दूसरे तल में लेक्चर थियेटर हैं. तीसरे और चौथे तल पर पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, एसपीएम, फॉरेंसिक व फार्मोकॉलॉजी विभाग हैं. इसके अलावा पांचवे से लेकर आठवें तल में 40 विभाग शिफ्ट किये जाने थे. इसके अलावा 240 फैकल्टी रूम आवंटित होने थे. नौवें तल को नए खुलने वाले विभाग के लिए आरक्षित किया गया था. यहां शासन के निर्देश पर कुछ हिस्सा फिनिशिंग करने के बाद अटल यूनिवर्सिटी का दफ्तर खोला गया है. दसवें तल पर शेष काम अधूरा पड़ा है.
100 बेड्स का विस्तार लटका
मुख्य ब्लॉक से एकेडमिक ब्लॉक में विभागों व दफ्तरों की शिफ्टिंग नहीं हो सकी. ऐसे में लैब का विस्तार भी नहीं हो सका. साथ ही बेड भी नहीं बढ़ सके. संस्थान प्रशासन ने विभाग, दफ्तर शिफ्ट कर सुपर स्पेशयलिटी के 350 बेड को 450 करने का दावा किया था. निर्माण के लेट लतीफी का यही हाल शहीद पथ स्थित कैम्पस का भी है. यहां भी काम सुस्त है.
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लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह का कहना है कि राजकीय निर्माण निगम एकेडमिक ब्लॉक बना रहा है. इसके लिए तय रकम का 95 फीसदी भुगतान किया जा चुका है. कई बार एजेंसी को जल्द कार्य पूरा करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है. अभी एजेंसी ने भवन का काम पूरा करके, हैंडओवर नहीं किया है.