लखनऊ: राजधानी में योगी सरकार की नाक के नीचे सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय के 500 छात्र सड़क पर आ गए. 139 साल पुराने सेंटीनियल इंटर कॉलेज पर कब्जा होने के बाद गुरुवार को सड़क पर इनकी क्लास शुरू की गई. स्कूल के प्रिंसिपल राजीव डेविड दयाल के साथ अन्य शिक्षकों ने अंग्रेजी और गणित की पढ़ाई करायी.
लखनऊ में सेंटीनियल इंटर कॉलेज के छात्र इस ऐतिहासिक सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय के परिसर में एक प्राइवेट स्कूल चल रहा है. गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूलों के अध्यापकों और शिक्षकों को इस फर्जीवाड़े का सामना करना पड़ा. बीते 6 दिन से यह स्कूल बंद चल रहा था. शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की कोई मदद न मिल पाने के बाद यहां के शिक्षकों ने गुरुवार को स्कूल के गेट के बाहर क्लास ली. प्रिंसिपल राजीव डेविड दयाल ने बताया कि गर्मी की छुट्टी के बाद जब 1 जुलाई को वह स्कूल पहुंचे, तो मंजर बदला हुआ था. उनके स्कूल की बिल्डिंग में मैथडिस्ट चर्च स्कूल का बोर्ड लगा हुआ था. उनका सारा सामान स्कूल से बाहर फेंक दिया गया.
जेडी को दी गई थी सूचनाशिक्षकों का कहना है कि उन्होंने तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ अमरकांत सिंह और संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेंद्र तिवारी को इसके संबंध में सूचना दी गई. उन्होंने स्कूल को कुछ दिन के लिए बंद कर देने की सलाह दी. जिसके बाद पहले 2 जुलाई और फिर 6 जुलाई तक के लिए स्कूल को बंद किया गया. प्रिंसिपल राजीव डेविड दयाल का कहना है कि गुरुवार से स्कूल की दोबारा शुरू किया गया है. मजबूरन उन्हें स्कूल के गेट पर क्लासेस चलानी पड़ रही हैं.
रातों रात स्कूल में लगा दिया तालास्थानीय लोगों का कहना है कि उनके बच्चे सेंटीनियल स्कूल में पढ़ते थे. रातोंरात इस स्कूल में ताला लगा दिया गया और उसके स्थान पर एक नए नाम से प्राइवेट स्कूल खोला गया है. इसकी फीस इतनी ज्यादा है कि हम भर ही नहीं सकते. अब तो स्कूल परिसर में अंदर घुसने भी नहीं दिया जाता है.
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शिक्षक संगठन ने की आंदोलन की घोषणा
माध्यमिक शिक्षक संघ ने इस पूरे प्रकरण को लेकर आंदोलन की घोषणा की है. संगठन के पदाधिकारी डॉ. आर के मिश्रा ने बताया कि उनकी तरफ से माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा जा चुका है. 11 जुलाई को शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एक बार फिर ज्ञापन देने की तैयारी है अगर सुनवाई नहीं होती है तो 16 जुलाई को वृहद स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा.
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