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कर्मोदय योजना के तहत 40 छात्र चयनित, इन जगहों पर काम करने का मिलेगा मौका - 40 students

प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि कर्मयोगी योजना में छात्रों के उत्साहपूर्ण भागीदारी को देखते हुए लविवि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कर्मोदय योजना की शुरुआत की है. इसके लिए 97 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था.

चयनित छात्र
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Published : May 14, 2022, 10:07 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने शनिवार को छात्र केंद्रित "कर्मोदय" योजना के तहत चुने गए 40 छात्रों को ओरिएंटेशन कार्यक्रम में संबोधित किया. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने छात्रों को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया. इससे वे अपनी कार्य दक्षता को और अधिक सुदृढ़ बना सकें. इस दौरान अद्धिष्ठाता छात्र कल्याण (Dean Student Welfare) प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि कर्मयोगी योजना में छात्रों के उत्साहपूर्ण भागीदारी को देखते हुए लविवि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कर्मोदय योजना की शुरुआत की है. इसके लिए 97 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था. इनमें योग्यता के आधार पर 40 छात्रों का चयन किया गया है.

डॉ. अलका मिश्रा और डॉ. अमृतांशु शुक्ल ने ओरिएंटेशन कार्यक्रम में आए सभी छात्रों को उनके कार्य क्षेत्र के आवंटन के बारें में बताया. उन्होंने बताया कि इन छात्रों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न विभागों, कार्यालय, पुस्तकालय और प्रयोगशालाओं आदि में काम करने का अवसर मिलेगा. इसके लिए उन्हें प्रतिदिन दो घंटा कार्य करना होगा. इस मौके पर मौजूद अतिरिक्त अद्धिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. संगीता साहू ने सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए इसे कौशल विकास का एक सुनहरा अवसर बताया. इस दौरान सभी छात्र-छात्राओं ने कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय का आभार जताते हुए इस योजना के लिए चयनित होने पर हर्ष जताया. साथ ही पूरी तन्मयता एवं लगन से कार्य करने और सीखने के लिए प्रतिबद्धता भी जाहिर की.

समाजशास्त्र विभाग की श्रेष्ठता की परंपरा जारी : लविवि उत्तर प्रदेश राज्य में उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक के रूप में जाना जाता है. इसकी एक ऐतिहासिक प्रासंगिकता भी है. हाल ही में विश्वविद्यालय ने अपने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं. अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है. विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की अपनी ऐतिहासिक विरासत भी है. इसकी शुरुआत 1921 से राधा कमल मुखर्जी जैसे दिग्गजों के नेतृत्व में हुई थी. बाद में डीपी मुखर्जी जैसे कई प्रतिष्ठित समाजशास्त्री व अन्य लोग भी इसमें शामिल हुए.

ये भी पढ़ें : बीबीएयू में शुरू होगा अर्थशास्त्र में एमएससी का नया कोर्स

उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) में लविवि समाज शास्त्र विभाग से कई छात्रों का चयन हुआ और यह सिलसिला लगातार जारी है. उच्च शिक्षा चयन विभाग द्वारा हाल ही मे घोषित योग्य उम्मीदवारों की सूची मे सहायक प्रोफेसर के लिए समाजशास्त्र के 15 छात्र-छात्राओं ने जगह बनाई है. इनमें आभा दुबे, विनय सिंह चौहान, आकांक्षा देवी, स्वीटी यादव, प्रज्ञा त्रिपाठी, अरविंद कुमार गुप्ता, नेहा यादव, मनीषा गुप्ता, संजय कुमार, गौरी पवित्रा गोस्वामी, पंकज कुमार यादव, पिंकी, निशांत श्रीवास्तव, विमल कुमार, शशि कपूर, माया देवी, साकेत, हिमांशु श्रीवास्तव, राम रंजन द्विवेदी और प्रज्ञा चतुर्वेदी शामिल हैं.

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लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने शनिवार को छात्र केंद्रित "कर्मोदय" योजना के तहत चुने गए 40 छात्रों को ओरिएंटेशन कार्यक्रम में संबोधित किया. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने छात्रों को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया. इससे वे अपनी कार्य दक्षता को और अधिक सुदृढ़ बना सकें. इस दौरान अद्धिष्ठाता छात्र कल्याण (Dean Student Welfare) प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि कर्मयोगी योजना में छात्रों के उत्साहपूर्ण भागीदारी को देखते हुए लविवि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कर्मोदय योजना की शुरुआत की है. इसके लिए 97 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था. इनमें योग्यता के आधार पर 40 छात्रों का चयन किया गया है.

डॉ. अलका मिश्रा और डॉ. अमृतांशु शुक्ल ने ओरिएंटेशन कार्यक्रम में आए सभी छात्रों को उनके कार्य क्षेत्र के आवंटन के बारें में बताया. उन्होंने बताया कि इन छात्रों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न विभागों, कार्यालय, पुस्तकालय और प्रयोगशालाओं आदि में काम करने का अवसर मिलेगा. इसके लिए उन्हें प्रतिदिन दो घंटा कार्य करना होगा. इस मौके पर मौजूद अतिरिक्त अद्धिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. संगीता साहू ने सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए इसे कौशल विकास का एक सुनहरा अवसर बताया. इस दौरान सभी छात्र-छात्राओं ने कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय का आभार जताते हुए इस योजना के लिए चयनित होने पर हर्ष जताया. साथ ही पूरी तन्मयता एवं लगन से कार्य करने और सीखने के लिए प्रतिबद्धता भी जाहिर की.

समाजशास्त्र विभाग की श्रेष्ठता की परंपरा जारी : लविवि उत्तर प्रदेश राज्य में उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक के रूप में जाना जाता है. इसकी एक ऐतिहासिक प्रासंगिकता भी है. हाल ही में विश्वविद्यालय ने अपने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं. अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है. विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की अपनी ऐतिहासिक विरासत भी है. इसकी शुरुआत 1921 से राधा कमल मुखर्जी जैसे दिग्गजों के नेतृत्व में हुई थी. बाद में डीपी मुखर्जी जैसे कई प्रतिष्ठित समाजशास्त्री व अन्य लोग भी इसमें शामिल हुए.

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उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) में लविवि समाज शास्त्र विभाग से कई छात्रों का चयन हुआ और यह सिलसिला लगातार जारी है. उच्च शिक्षा चयन विभाग द्वारा हाल ही मे घोषित योग्य उम्मीदवारों की सूची मे सहायक प्रोफेसर के लिए समाजशास्त्र के 15 छात्र-छात्राओं ने जगह बनाई है. इनमें आभा दुबे, विनय सिंह चौहान, आकांक्षा देवी, स्वीटी यादव, प्रज्ञा त्रिपाठी, अरविंद कुमार गुप्ता, नेहा यादव, मनीषा गुप्ता, संजय कुमार, गौरी पवित्रा गोस्वामी, पंकज कुमार यादव, पिंकी, निशांत श्रीवास्तव, विमल कुमार, शशि कपूर, माया देवी, साकेत, हिमांशु श्रीवास्तव, राम रंजन द्विवेदी और प्रज्ञा चतुर्वेदी शामिल हैं.

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