लखनऊ: एसटीपी और सीवर लाइन के काम पर इस वित्तीय वर्ष में छावनी परिषद 3.4 करोड़ रुपये खर्च करेगा. इसके अलावा वेतन, पेंशन और पेंशनरों के कल्याण के लिए 4.9 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. छावनी परिषद की बैठक में यह बजट पास किया गया है. इस बार कुल 173 करोड़ रुपये का छावनी परिषद का बजट है. परिषद ने इस वित्तीय वर्ष में इतनी ही आय और व्यय का लक्ष्य भी निर्धारित कर लिया है.
पिछले वित्तीय वर्ष में परिषद का बजट 130 करोड़ रुपये था. वर्तमान की बात करें तो छावनी परिषद वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है. वैरी बोर्ड के अध्यक्ष और मध्य यूपी सब एरिया मुख्यालय के जनरल अफसर कमांडिंग मेजर जनरल राजीव शर्मा ने प्रस्तावित बजट पर मुहर लगा दी. बैठक में भी यह फैसला लिया गया है कि इस बार के बजट में आय का अधिकांश हिस्सा गृह मंत्रालय से मिलने वाले सर्विस शुल्क, सामान्य अनुदान, मिलिट्री कंजर्वेंसी पर निर्भर होगा. छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी विलास एच. पवार ने बताया कि इस बजट में भी छावनी परिषद के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए नए आवासों का निर्माण, कामकाजी महिलाओं के लिए कैंट क्षेत्र में हॉस्टल और सक्षम स्कूल के लिए भी व्यवस्था की गई है. बता दें कि, छावनी परिषद का निर्वाचित बोर्ड पिछले साल 10 फरवरी को भंग कर दिया गया था. इसके बाद 2011 में छावनी की कमान प्रशासन के हाथ पहुंच गई थी. वैरी बोर्ड की अध्यक्षता सेना के मध्य यूपी सब एरिया कमांडर करते हैं.
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इस तरह होगा बजट का व्यय
बिजली का बिल व अन्य पर 3.5 करोड़, संविदा कर्मियों के वेतन पर छह करोड़, एसटीपी पर 3.4 करोड़, वेतन पेंशन पर 4.9 करोड़, अस्पताल खर्च, सरकारी आवास, हॉस्टल निर्माण पर ₹13 करोड़, छावनी परिषद की मरम्मत और देखरेख पर ₹12 करोड़, सिविल कार्य पर सात करोड़, हाउस सीवरेज कनेक्शन पर 2.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
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