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एसजीपीजीआई में 1200 पद खाली, भर्ती के लिए आंदोलन करेंगे कर्मी - 1200 posts vacant

एसजीपीजीआई कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव, महामंत्री धर्मेश कुमार ने कहा कि वर्षों से लंबित मांगें पूरी नहीं हुईं. कई बार शासन-प्रशासन को खत लिखा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

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Published : May 17, 2022, 5:40 PM IST

लखनऊ : एसजीपीजीआई में फिर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया गया है. लंबित मांगों को लेकर कर्मियों ने अनिश्चित कालीन धरने का एलान किया है. यह धरना 13 जून से शुरू होगा. इसे लेकर संस्थान प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. एसजीपीजीआई कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव, महामंत्री धर्मेश कुमार ने कहा कि वर्षों से लंबित मांगें पूरी नहीं हुईं. कई बार शासन-प्रशासन को खत लिखा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में कर्मचारी महासंघ ने 13 जून से अनिश्चितकालीन धरने का एलान किया है.

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ये भी पढ़ें : यूपी में कोरोना के 138 नए केस, 90 फीसदी से ज्यादा वयस्कों को लगी डबल डोज

इसमें तीन प्रमुख मांगें रखी गईं हैं. इनमें कैडर रिस्ट्रक्चरिंग, पेशेंट केयर एलाउंस, वर्दी भत्ता और द्विभाषीय भत्ता मांगा गया है. इसके अलावा संस्थान में लगभग 1200 रिक्त पद हैं. इस पर तत्काल भर्ती की भी मांग की गई है. कर्मचारी महासंघ पिछले दो-तीन सालों से लगातार संस्थान प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन के साथ पत्राचार और वार्ता करता आ रहा है. इन मांगों के संबंध में कर्मचारी महासंघ ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पहले ही अवगत कराया है लेकिन समाधान नहीं हुआ. ऐसे में धरने के दौरान कर्मचारियों की आम सहमति से कार्य बहिष्कार भी किया जा सकता है. इसकी समस्त जिम्मेदारी संस्थान प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन की होगी.

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लखनऊ : एसजीपीजीआई में फिर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया गया है. लंबित मांगों को लेकर कर्मियों ने अनिश्चित कालीन धरने का एलान किया है. यह धरना 13 जून से शुरू होगा. इसे लेकर संस्थान प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. एसजीपीजीआई कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव, महामंत्री धर्मेश कुमार ने कहा कि वर्षों से लंबित मांगें पूरी नहीं हुईं. कई बार शासन-प्रशासन को खत लिखा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में कर्मचारी महासंघ ने 13 जून से अनिश्चितकालीन धरने का एलान किया है.

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इसमें तीन प्रमुख मांगें रखी गईं हैं. इनमें कैडर रिस्ट्रक्चरिंग, पेशेंट केयर एलाउंस, वर्दी भत्ता और द्विभाषीय भत्ता मांगा गया है. इसके अलावा संस्थान में लगभग 1200 रिक्त पद हैं. इस पर तत्काल भर्ती की भी मांग की गई है. कर्मचारी महासंघ पिछले दो-तीन सालों से लगातार संस्थान प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन के साथ पत्राचार और वार्ता करता आ रहा है. इन मांगों के संबंध में कर्मचारी महासंघ ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पहले ही अवगत कराया है लेकिन समाधान नहीं हुआ. ऐसे में धरने के दौरान कर्मचारियों की आम सहमति से कार्य बहिष्कार भी किया जा सकता है. इसकी समस्त जिम्मेदारी संस्थान प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन की होगी.

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