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यूपी खेल निदेशालय ने 12 खेल एसोसिएशन को सरकारी मदद की बंद, जानिए क्या है कारण? - उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक आरपी सिंह

उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय ने तय गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले 12 एसोसिएशनों को दी जाने वाली सरकारी मदद बंद कर दी है. आरोप है कि 75 जिलों में से अधिकांश जिले स्टेट एसोसिएशन से जुड़े हुए नहीं हैं.

खिलाड़ियों के लिए समस्याएं
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Published : Jun 22, 2022, 5:33 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय ने 12 खेल एसोसिएशनों को दी जाने वाली मदद वापस ले ली है. आरोप है कि निदेशालय की ओर से तय गाइडलाइन एसोसिएशन पूरा नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से यह फैसला लिया गया है. इसके चलते हजारों खिलाड़ियों के लिए समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.

सूत्रों के अनुसार 75 जिलों में से अधिकांश जिले स्टेट एसोसिएशन से जुड़े नहीं हैं. यह संख्या 75 प्रतिशत होनी चाहिए. जिसके चलते यह एक्शन लिया जा रहा है. माना जा रहा है कि अब ऐसे खेल संघों की संख्या निकट भविष्य में और अधिक बढ़ सकती है.

उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक आरपी सिंह ने बताया कि 12 ऐसे एसोसिएशन हैं जो कि खेल निदेशालय द्वारा तय गाइडलाइन का पालन नहीं करते हैं. उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं. सभी खेल एसोसिएशन के लिए अनिवार्य है कि वे इन जिलों में से कम से कम 75 प्रतिशत एसोसिएशन को खुद से संबद्ध कराएं. लेकिन एसोसिएशन ऐसा नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से एसोसिएशन को सरकारी सहायता देना बंद कर दिया है.


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उन्होंने बताया कि लॉन टेनिस, खो-खो, वूशु, शतरंज, कुश्ती, बॉस्केटबॉल, साइकलिंग, जिम्नास्टिक इसके अलावा कई अन्य छोटे खेलों को सुविधाएं देना बंद की जा रही है. खेल निदेशक आरपी सिंह ने बताया कि इन खेलों को अब प्रतियोगिताओं और कैंप के लिए मुफ्त स्टेडियम नहीं देंगे. विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए आने-जाने का खर्च और रहने का इंतजाम नहीं करेंगे. किट की व्यवस्था भी निशुल्क नहीं की जाएगी. जब यह सभी औपचारिकताएं और गाइडलाइन को पूरा कर लेंगे तब सुविधाएं वापस बहाल की जाएंगी. यह सारे खर्चे खेल एसोसिएशन को अपनी ओर से उठाने पड़ेंगे. इसका सीधा बोझ खेलों से जुड़े खिलाड़ियों पर भी पड़ सकता है. जिसके बाद खेल एसोसिएशन अब औपचारिकताएं पूरी करने में लगे हुए हैं.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय ने 12 खेल एसोसिएशनों को दी जाने वाली मदद वापस ले ली है. आरोप है कि निदेशालय की ओर से तय गाइडलाइन एसोसिएशन पूरा नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से यह फैसला लिया गया है. इसके चलते हजारों खिलाड़ियों के लिए समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.

सूत्रों के अनुसार 75 जिलों में से अधिकांश जिले स्टेट एसोसिएशन से जुड़े नहीं हैं. यह संख्या 75 प्रतिशत होनी चाहिए. जिसके चलते यह एक्शन लिया जा रहा है. माना जा रहा है कि अब ऐसे खेल संघों की संख्या निकट भविष्य में और अधिक बढ़ सकती है.

उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक आरपी सिंह ने बताया कि 12 ऐसे एसोसिएशन हैं जो कि खेल निदेशालय द्वारा तय गाइडलाइन का पालन नहीं करते हैं. उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं. सभी खेल एसोसिएशन के लिए अनिवार्य है कि वे इन जिलों में से कम से कम 75 प्रतिशत एसोसिएशन को खुद से संबद्ध कराएं. लेकिन एसोसिएशन ऐसा नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से एसोसिएशन को सरकारी सहायता देना बंद कर दिया है.


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उन्होंने बताया कि लॉन टेनिस, खो-खो, वूशु, शतरंज, कुश्ती, बॉस्केटबॉल, साइकलिंग, जिम्नास्टिक इसके अलावा कई अन्य छोटे खेलों को सुविधाएं देना बंद की जा रही है. खेल निदेशक आरपी सिंह ने बताया कि इन खेलों को अब प्रतियोगिताओं और कैंप के लिए मुफ्त स्टेडियम नहीं देंगे. विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए आने-जाने का खर्च और रहने का इंतजाम नहीं करेंगे. किट की व्यवस्था भी निशुल्क नहीं की जाएगी. जब यह सभी औपचारिकताएं और गाइडलाइन को पूरा कर लेंगे तब सुविधाएं वापस बहाल की जाएंगी. यह सारे खर्चे खेल एसोसिएशन को अपनी ओर से उठाने पड़ेंगे. इसका सीधा बोझ खेलों से जुड़े खिलाड़ियों पर भी पड़ सकता है. जिसके बाद खेल एसोसिएशन अब औपचारिकताएं पूरी करने में लगे हुए हैं.

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