कानपुर: देश के युवा स्टार्टअप शुरू करने को लेकर मेहनत तो खूब करते हैं, हालांकि जब उन्हें सफलता नहीं मिलती तो वह मायूस और निराश हो जाते हैं. उनके पास बेहतर आइडिया होता है, वह प्रोटोटाइप तैयार कर लेते हैं. कंपनी बन जाती है और बिजनेस करने लगते हैं. मगर रास्ते में आने वाली तमाम चुनौतियों से वह पार नहीं पा पाते. अब, ऐसे युवाओं की मदद आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ (Experts at IIT Kanpur) करेंगे.
पहली बार आईआईटी कानपुर में डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (department of science and technology) की मदद से निर्माणा कार्यक्रम शुरू किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत देश के किसी कोने में स्टार्टअप शुरू करने वाले हर युवा को तभी मदद मिलेगी जब वह प्रोटोटाइप तैयार कर लेगा और कंपनी बनाकर बिजनेस शुरू कर कर चुका होगा. आईआईटी की ओर से ऐसे युवाओं के लिए 50 लाख रुपये तक का बजट तैयार किया गया है. आईआईटी कानपुर के पास 50 ऐसे विशेषज्ञों की टीम मेंटर के तौर पर मौजूद है जो युवाओं की हर समस्या का समाधान कर उनके व्यवसाय को गति देंगे.
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शिक्षा मंत्री ने दीक्षा समारोह में की थी स्टार्टअप की सराहना: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कुछ दिनों पहले आईआईटी कानपुर के दीक्षा समारोह में पहुंचकर संस्थान द्वारा संचालित कई स्टार्टअप को देखा था और उन्हें सराहा था. उन्होंने यह भी कहा था, कि आईआईटी कानपुर में जो 100 से अधिक स्टार्टअप तैयार हुए, उनका उपयोग देश और दुनिया के हर कोने में किया जा रहा है.
80 फीसद रहा है सक्सेस रेट: आईआईटी कानपुर में चेयर प्रोफेसर (Chair Professor at IIT Kanpur) (कैंट) इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप अमिताभ बंद्योपाध्याय ने बताया कि आईआईटी कानपुर में मौजूदा समय में 130 स्टार्टअप पंजीकृत हैं. इनमें से 80 से अधिक स्टार्टअप ऐसे हैं, जिनका सालाना टर्नओवर 10 करोड़ रुपये से अधिक है. उन्होंने बताया कि यहां का सक्सेस रेट 80 फीसद से अधिक है. लगातार आईआईटी कानपुर चिकित्सा (IIT Kanpur Medical), कृषि समेत अन्य क्षेत्रों में आधुनिक तकनीकों वाले स्टार्टअप पर काम कर रहा है.
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