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कानपुर पीएफ दफ्तर में 12 घंटे रही CBI टीम, निशाने पर हैं कई अफसर

कानपुर में कर्मचारी भविष्य निधि दफ्तर में सोमवार शाम को 6.45 बजे से लेकर मंगलवार सुबह 6.45 बजे तक सीबीआई की टीम मौजूद रही. इस दौरान टीम ने कई फाइलें खंगालीं.

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कानपुर पीएफ दफ्तर में सीबीआई कि टीम
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Published : Apr 26, 2022, 8:15 PM IST

कानपुर: कानपुर में सीबीआई की टीम ने सर्वोदय नगर स्थित क्षेत्रीय दफ्तर में 12 घंटे तक रही. इस दौरान टीम के सदस्यों ने कई फाइलें खंगालीं. पीएफ दफ्तर के कमर्चारियों ने बताया कि जिस तरह टीम के सदस्यों ने डेटा मांगा, उससे उम्मीद है कि सीबीआई की टीम के निशाने पर दफ्तर के कई अफसर हैं. सीबीआई की टीम ने सोमवार शाम को 6.45 बजे अचानक पहुंची. टीम ने प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव को तीन लाख रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया था.

इसके कुछ देर बाद अफसर मौके से चले गए थे. पीएफ दफ्तर के वरिष्ठ अफसरों ने बताया कि टीम के सदस्य रात में ही वापस आ गए थे और कमरा बंद कराकर सुबह 6.45 बजे तक कई फाइलों के रिकार्ड चेक करते रहे. इस वजह से मंगलवार को तमाम अफसरों ने अपना केबिन पूरी तरह से बंद रखा.

पीएफ कार्यालय में रोज पेंशन, कोरोना संबंधी और दूसरे भुगतान के सैकड़ों मामले आते हैं. किसी न किसी नियम का हवाला देकर कर्मचारी और अफसर आवेदक को टरकाते रहते हैं. हालांकि 13 दिनों के अंदर सीबीआई की टीम ने लगातार दो बार पीएफ दफ्तर पहुंचकर रिकार्ड खंगाला. कहा यह भी जा रहा है कि सीबीआई की टीम फिर से कार्यालय में आकर जांच कर सकती है. जो दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
ये भी पढ़ें- आजम खान को रिझाने में लगे प्रसपा और कांग्रेस, जानिए अखिलेश से वो क्यों हैं खफा


पीएफ दफ्तर से जुड़े सभी मामलों में अब आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है. कई आवेदक ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाते हैं. ऐसे आवेदकों के साथ किसी न किसी तरह की गड़बड़ी होने की संभावना सबसे अधिक रहती है. अफसर यह जरूर कहते हैं कि सभी दस्तावेजों की जांच के बाद भुगतान किया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि भुगतान के नाम पर वसूली क्यों की जाती है.

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कानपुर: कानपुर में सीबीआई की टीम ने सर्वोदय नगर स्थित क्षेत्रीय दफ्तर में 12 घंटे तक रही. इस दौरान टीम के सदस्यों ने कई फाइलें खंगालीं. पीएफ दफ्तर के कमर्चारियों ने बताया कि जिस तरह टीम के सदस्यों ने डेटा मांगा, उससे उम्मीद है कि सीबीआई की टीम के निशाने पर दफ्तर के कई अफसर हैं. सीबीआई की टीम ने सोमवार शाम को 6.45 बजे अचानक पहुंची. टीम ने प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव को तीन लाख रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया था.

इसके कुछ देर बाद अफसर मौके से चले गए थे. पीएफ दफ्तर के वरिष्ठ अफसरों ने बताया कि टीम के सदस्य रात में ही वापस आ गए थे और कमरा बंद कराकर सुबह 6.45 बजे तक कई फाइलों के रिकार्ड चेक करते रहे. इस वजह से मंगलवार को तमाम अफसरों ने अपना केबिन पूरी तरह से बंद रखा.

पीएफ कार्यालय में रोज पेंशन, कोरोना संबंधी और दूसरे भुगतान के सैकड़ों मामले आते हैं. किसी न किसी नियम का हवाला देकर कर्मचारी और अफसर आवेदक को टरकाते रहते हैं. हालांकि 13 दिनों के अंदर सीबीआई की टीम ने लगातार दो बार पीएफ दफ्तर पहुंचकर रिकार्ड खंगाला. कहा यह भी जा रहा है कि सीबीआई की टीम फिर से कार्यालय में आकर जांच कर सकती है. जो दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
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पीएफ दफ्तर से जुड़े सभी मामलों में अब आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है. कई आवेदक ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाते हैं. ऐसे आवेदकों के साथ किसी न किसी तरह की गड़बड़ी होने की संभावना सबसे अधिक रहती है. अफसर यह जरूर कहते हैं कि सभी दस्तावेजों की जांच के बाद भुगतान किया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि भुगतान के नाम पर वसूली क्यों की जाती है.

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