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ग्रामीणों का घुट रहा दम, नहीं तय हो रहे रिश्ते, नगर निगम राजस्व में जुटा - कानपुर नगर निगम

ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से जो गैसें निकलती हैं, उससे उनका दम घुटता है. उन्होंने जो जानवर पाल रखे हैं, उनकी मौत हो जाती है. साथ ही भौंती के समीप पड़ने वाले गांवों में कोई शादी का रिश्ता करने के राजी नहीं होता है.

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कचरा
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Published : Jul 16, 2022, 4:05 PM IST

कानपुर: शहर के आउटर एरिया भौंती में एक ओर जहां नगर निगम ने अपना कचरा प्लांट (एमआरएफ प्लांट) से कचरे को रिसाइकिल कर प्लास्टिक के दाने बनाने की कवायद शुरू कर दी है. वहीं, दूसरी ओर उस प्लांट के संचालित होने से आस-पास रहने वाले हजारों की संख्या में ग्रामीण बुरी तरह परेशान हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से जो गैसें निकलती हैं, उससे उनका दम घुटता है. उन्होंने जो जानवर पाल रखे हैं, उनकी मौत हो जाती है. साथ ही भौंती के समीप पड़ने वाले गांवों में कोई शादी का रिश्ता करने के राजी नहीं होता है.

ग्रामीणों का घुट रहा दम

इसे भी पढ़ें- नगर निगम अब नगर पालिकाओं के विकास कार्यों में करेंगे मदद, यह है पूरा प्लान

इस पूरे मामले में नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने कहा कि शहर को प्लास्टिक और पर्यावरण मुक्त करने के लिए रोजाना हजारों टन कूड़ा भौंती स्थित प्लांट में डंप किया जाता है. इसके बाद उस कचरा को प्लास्टिक के दाने में परिवर्तित किया जाता, जिसे शहर के दादा नगर स्थित प्लास्टिक की औद्योगिक इकाइयों में भेजा जाता और उसके एवज में नगर निगम कोे राजस्व मिलता है.

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कानपुर नगर निगम

ग्रामीणों की समस्याओं के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि गर्मी के दिनों में आग की घटनाओं से दिक्कतें हो गई थीं. हालांकि, अब प्लांट को सभी नियमों का पालन करते हुए संचालित किया जा रहा है, जिससे किसी तरह की समस्या नहीं है.

जल्द कराएंगे जांच: वहीं, इस मामले में क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) अमित मिश्रा से बातचीत की गयी तो उन्होंने जवाब दिया कि वह अभी हाल-फिलहाल ही शहर में आए हैं. जल्द ही इस प्लांट की जांच कराएंगे. अगर नियमों का पालन नहीं होगा, तो संबंधित संचालक के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

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कानपुर: शहर के आउटर एरिया भौंती में एक ओर जहां नगर निगम ने अपना कचरा प्लांट (एमआरएफ प्लांट) से कचरे को रिसाइकिल कर प्लास्टिक के दाने बनाने की कवायद शुरू कर दी है. वहीं, दूसरी ओर उस प्लांट के संचालित होने से आस-पास रहने वाले हजारों की संख्या में ग्रामीण बुरी तरह परेशान हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से जो गैसें निकलती हैं, उससे उनका दम घुटता है. उन्होंने जो जानवर पाल रखे हैं, उनकी मौत हो जाती है. साथ ही भौंती के समीप पड़ने वाले गांवों में कोई शादी का रिश्ता करने के राजी नहीं होता है.

ग्रामीणों का घुट रहा दम

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इस पूरे मामले में नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने कहा कि शहर को प्लास्टिक और पर्यावरण मुक्त करने के लिए रोजाना हजारों टन कूड़ा भौंती स्थित प्लांट में डंप किया जाता है. इसके बाद उस कचरा को प्लास्टिक के दाने में परिवर्तित किया जाता, जिसे शहर के दादा नगर स्थित प्लास्टिक की औद्योगिक इकाइयों में भेजा जाता और उसके एवज में नगर निगम कोे राजस्व मिलता है.

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ग्रामीणों की समस्याओं के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि गर्मी के दिनों में आग की घटनाओं से दिक्कतें हो गई थीं. हालांकि, अब प्लांट को सभी नियमों का पालन करते हुए संचालित किया जा रहा है, जिससे किसी तरह की समस्या नहीं है.

जल्द कराएंगे जांच: वहीं, इस मामले में क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) अमित मिश्रा से बातचीत की गयी तो उन्होंने जवाब दिया कि वह अभी हाल-फिलहाल ही शहर में आए हैं. जल्द ही इस प्लांट की जांच कराएंगे. अगर नियमों का पालन नहीं होगा, तो संबंधित संचालक के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

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