कानपुर: एक ओर जहां कुछ दिनों पहले नगर निगम के अफसरों ने जाना गांव में नेपियर घास की खेती करने का फैसला किया था, वहीं, अब अफसर भौंती स्थित कचरा प्लांट में बायोडीजल तैयार करवाएंगे. इस बायोडीजल के लिए नगर निगम के अफसर शहर से इकट्ठा किए जाने वाले प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग करेंगे.
नगर निगम की ओर से इस कवायद को लेकर भोपाल की पवित्रा मैनेजमेंट कंपनी से करार किया गया है. अफसरों का दावा है, जब रोज पांच टन प्लास्टिक वेस्ट से कंपनी 2000 लीटर बायोडीजल तैयार करके देगी, जिससे नगर निगम को हर माह लाखों रुपये की बचत होगी.
पर्यावरण रहेगा शुद्ध, वाहनों में बायोडीजल का होगा उपयोग: नगर निगम में स्मार्ट सिटी कार्यों के तहत होने वाले इस नए काम को लेकर नोडल अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि अभी रोजाना नगर निगम के जो वाहन संबद्ध हैं, उनमें औसतन 700 लीटर पेट्रोल और डीजल का उपयोग हो जाता है. वहीं, अब जो बायोडीजल तैयार होगा, उसका उपयोग इन वाहनों के लिए किया जा सकेगा. यह ईंधन से जुड़ा बायोडिग्रेडेबल विकल्प है. इसका उपयोग किए जाने से पर्यावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. इस प्लांट के लिए नगर निगम की ओर से करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
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इन आंकड़ों को भी देखें:
- शुरुआती दिनों में 2000 से लेकर 2500 लीटर तक बायोडीजल तैयार होगा.
- 10000 से 15000 लीटर बायोडीजल रोजाना तैयार करने का है लक्ष्य.
- रोजाना 500 टन प्लास्टिक वेस्ट के निस्तारण की बनी है योजना.
- 90 फीसद तक प्लांट का काम पूरा हो चुका है.
- मौजूदा समय में 400 वाहन नगर निगम में संचालित हैं, 700 लीटर डीजल-पेट्रोल लगता है.
- 25 करोड़ रुपये सालाना डीजल और पेट्रोल पर नगर निगम का खर्च होता है.
इस विषय को लेकर नगर आयुक्त शिव शरण्प्पा जीएन (Municipal Commissioner Shiv Sharanappa GN) ने बताया कि भोपाल की पवित्रा मैनेजमेंट कंपनी (Pavitra Management Company of Bhopal) से करार करने के बाद अब नगर निगम के भौंती स्थित कचरा प्लांट में प्लास्टिक वेस्ट से बायोडीजल बनाया जाएगा. इस माह के अंत तक बायोडीजल बनना शुरू हो जाएगा.
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