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कानपुर में हिंसा के बाद शत्रु संपत्तियों की फाइलें ठंडे बस्ते में डाला

कानपुर के परेड चौराहे पर हिंसा और तिरंगा अभियान के चलते शहर की तीन शत्रु संपत्तियों की फाइलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

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शत्रु संपत्ति की फाइलें
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Published : Aug 17, 2022, 5:12 PM IST

कानपुर: शहर में मई के दूसरे हफ्ते में अचानक से एक शत्रु संपत्ति का मामला सामने आया था. जिसमें यह बात भी सामने आई थी कि एक पाक नागरिक को बेकनगंज स्थित एक संपत्ति वह भी बेच दी गई थी.बेची गई जमीन पर सालों पहले रामजानकी मंदिर हुआ करता था. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक अफसरों ने शत्रु संपत्ति के मामलों में लोगों को नोटिस भेजे थे. हालांकि उसके बाद 3 जून को शहर के परेड चौराहा पर हिंसा हुई और पुलिस-प्रशासन के अफसर हिंसा के काम में व्यस्त हो गए. इसके बाद हर घर तिरंगा अभियान में अफसरों ने सारा समय दे दिया. इसके चलते शत्रु संपत्ति के मामलों की फाइलें ठंडे बस्ते में पहुंच गईं है.

मौजूदा स्थिति की बात करें तो शहर के कंघी मोहाल में 99/187 को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है. मगर, अभी 99/14 ए बेकनगंज व 88/21 नाला रोड की संपत्ति पर जांच की कार्रवाई जारी है. इसमें बेकनगंज की संपत्ति पर बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा (Mukhtar Baba owner of Baba Biryani) ने अवैध कब्जा कर रेस्टोरेंट बना लिया है. प्रशासनिक अफसरों की ओर से इन संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाने की बात भी कही गई थी. लेकिन, विभिन्न कारणों से यह मामले अब शांत हो चुके हैं. हां, मुख्यार बाबा को पुलिस ने परेड हिंसा के मामले में संलिप्तता के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

यह भी पढ़ें:अलीगढ़ में करोड़ों की संपत्ति के मालिक पाकिस्तानी, प्रशासन जांच में जुटा


सीईपीआई के सदस्यों को देनी होती है जानकारी: एसीएम सात दीपक पाल ने बताया कि शहर में जो शत्रु संपत्तियां होती हैं. उनकी पूरी जानकारी जिला प्रशासन द्वारा कस्टोडियन एनमी प्रापर्टी आफ इंडिया (सीईपीआइ) के सदस्यों को देनी होती है. उक्त तीन संपत्तियों के मामलों में प्रशासनिक अफसरों के पास पिछले साल शिकायतें आई थीं. जिनकी जांच शुरू की गई थी. दो मामलों का निस्तारण होना बाकी है. कुल तीन अलग-अलग मामलों में 30 से अधिक लोगों को नोटिसें भेजकर जवाब भी मांगा जा चुका है. वहीं, शहर में 20 से अधिक शत्रु संपत्तियां चिह्नित की जा चुकी हैं.
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कानपुर: शहर में मई के दूसरे हफ्ते में अचानक से एक शत्रु संपत्ति का मामला सामने आया था. जिसमें यह बात भी सामने आई थी कि एक पाक नागरिक को बेकनगंज स्थित एक संपत्ति वह भी बेच दी गई थी.बेची गई जमीन पर सालों पहले रामजानकी मंदिर हुआ करता था. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक अफसरों ने शत्रु संपत्ति के मामलों में लोगों को नोटिस भेजे थे. हालांकि उसके बाद 3 जून को शहर के परेड चौराहा पर हिंसा हुई और पुलिस-प्रशासन के अफसर हिंसा के काम में व्यस्त हो गए. इसके बाद हर घर तिरंगा अभियान में अफसरों ने सारा समय दे दिया. इसके चलते शत्रु संपत्ति के मामलों की फाइलें ठंडे बस्ते में पहुंच गईं है.

मौजूदा स्थिति की बात करें तो शहर के कंघी मोहाल में 99/187 को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है. मगर, अभी 99/14 ए बेकनगंज व 88/21 नाला रोड की संपत्ति पर जांच की कार्रवाई जारी है. इसमें बेकनगंज की संपत्ति पर बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा (Mukhtar Baba owner of Baba Biryani) ने अवैध कब्जा कर रेस्टोरेंट बना लिया है. प्रशासनिक अफसरों की ओर से इन संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाने की बात भी कही गई थी. लेकिन, विभिन्न कारणों से यह मामले अब शांत हो चुके हैं. हां, मुख्यार बाबा को पुलिस ने परेड हिंसा के मामले में संलिप्तता के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

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सीईपीआई के सदस्यों को देनी होती है जानकारी: एसीएम सात दीपक पाल ने बताया कि शहर में जो शत्रु संपत्तियां होती हैं. उनकी पूरी जानकारी जिला प्रशासन द्वारा कस्टोडियन एनमी प्रापर्टी आफ इंडिया (सीईपीआइ) के सदस्यों को देनी होती है. उक्त तीन संपत्तियों के मामलों में प्रशासनिक अफसरों के पास पिछले साल शिकायतें आई थीं. जिनकी जांच शुरू की गई थी. दो मामलों का निस्तारण होना बाकी है. कुल तीन अलग-अलग मामलों में 30 से अधिक लोगों को नोटिसें भेजकर जवाब भी मांगा जा चुका है. वहीं, शहर में 20 से अधिक शत्रु संपत्तियां चिह्नित की जा चुकी हैं.
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