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कानपुर में पीएफ कार्यालय में पहुंची सीबीआई, खंगाली फाइलें

कानपुर में शुक्रवार देर रात सीबीआई टीम भविष्य निधि कार्यालय पहुंची. इस दौरान टीम के सदस्यों ने भुगतान के मामलों की फाइलें खंगाली.

सीबीआइ
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Published : May 7, 2022, 11:28 AM IST

कानपुर: शुक्रवार देर रात सीबीआई टीम भविष्य निधि कार्यालय पहुंची. इस दौरान टीम के सदस्यों ने भुगतान के मामलों की फाइलें खंगाली. 25 अप्रैल के बाद सीबीआई टीम के सदस्य जब दोबारा कार्यालय पहुंचे, तो हड़कंप मच गया. इस अफसर को सीबीआई टीम के पहुंचने की जानकारी मिली, उसने फौरन ही फोन पर अपने अधीनस्थों से बात की और अपना रिकार्ड सही होने की बात पूछी.

वहीं टीम के सदस्यों ने रिकार्ड जुटाने के साथ ही तमाम प्रवर्तन सहायक और कंसलटेंट से पूछताछ की. माना जा रहा है कि टीम के सदस्यों के निशाने पर प्रवर्तन सहायक और कंसलटेंट भी हैं. दरअसल, इससे पहले टीम के सदस्यों ने चौबेपुर निवासी स्कूल संचालक जयपाल की शिकायत पर प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव को तीन लाख रुपये घूस लेते पकड़ा था.

इसके बाद अमित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. हालांकि, अमित से पूछताछ में सीबीआई को कई जरूरी इनपुट मिले है. इस पर टीम के सदस्यों ने काम करना शुरू कर दिया. शुक्रवार को सीबीआई टीम की छापेमारी से पीएफ कार्यालय के अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गयीं.

ये भी पढ़ें- यूपी का माफिया राज: पूर्वांचल का वो खूंखार माफिया जो 9 गोली लगने के बाद मुर्दाघर से बाहर आया जिंदा

वर्षों से चल रहा कंसलटेंट का खेल
सर्वोदय नगर स्थित भविष्य निधि के क्षेत्रीय कार्यालय में कंसलटेंट का खेल वर्षों से चल रहा है. इन कंसलटेंट की भूमिका नियोक्ता और अंशदाताओं के बीच बिचौलिये जैसी होती है. हालांकि, पीएफ अफसरों की कार्यशैली पर यह सवाल भी उठता है, कि आखिर जब सारी प्रक्रिया आनलाइन है तो इन कंसलटेंट का क्या काम है? मगर, पीएफ, पेंशन समेत दूसरे जो भुगतान के मामले होते हैं, उनमें कंसलटेंट सारा सेटलमेंट करवा देते हैं. इसके एवज में वो आवेदनकर्ता से मोटी राशि वसूलते हैं.

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कानपुर: शुक्रवार देर रात सीबीआई टीम भविष्य निधि कार्यालय पहुंची. इस दौरान टीम के सदस्यों ने भुगतान के मामलों की फाइलें खंगाली. 25 अप्रैल के बाद सीबीआई टीम के सदस्य जब दोबारा कार्यालय पहुंचे, तो हड़कंप मच गया. इस अफसर को सीबीआई टीम के पहुंचने की जानकारी मिली, उसने फौरन ही फोन पर अपने अधीनस्थों से बात की और अपना रिकार्ड सही होने की बात पूछी.

वहीं टीम के सदस्यों ने रिकार्ड जुटाने के साथ ही तमाम प्रवर्तन सहायक और कंसलटेंट से पूछताछ की. माना जा रहा है कि टीम के सदस्यों के निशाने पर प्रवर्तन सहायक और कंसलटेंट भी हैं. दरअसल, इससे पहले टीम के सदस्यों ने चौबेपुर निवासी स्कूल संचालक जयपाल की शिकायत पर प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव को तीन लाख रुपये घूस लेते पकड़ा था.

इसके बाद अमित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. हालांकि, अमित से पूछताछ में सीबीआई को कई जरूरी इनपुट मिले है. इस पर टीम के सदस्यों ने काम करना शुरू कर दिया. शुक्रवार को सीबीआई टीम की छापेमारी से पीएफ कार्यालय के अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गयीं.

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वर्षों से चल रहा कंसलटेंट का खेल
सर्वोदय नगर स्थित भविष्य निधि के क्षेत्रीय कार्यालय में कंसलटेंट का खेल वर्षों से चल रहा है. इन कंसलटेंट की भूमिका नियोक्ता और अंशदाताओं के बीच बिचौलिये जैसी होती है. हालांकि, पीएफ अफसरों की कार्यशैली पर यह सवाल भी उठता है, कि आखिर जब सारी प्रक्रिया आनलाइन है तो इन कंसलटेंट का क्या काम है? मगर, पीएफ, पेंशन समेत दूसरे जो भुगतान के मामले होते हैं, उनमें कंसलटेंट सारा सेटलमेंट करवा देते हैं. इसके एवज में वो आवेदनकर्ता से मोटी राशि वसूलते हैं.

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