कानपुर देहात: कहते है जब जज्बा हो कुछ कर दिखाने का तो इंसान कुछ भी कर सकता है. कुछ ऐसा ही हुआ है. यूपी के जनपद कानपुर देहात के संदलपुर ब्लॉक के फरीदपुर निटर्रा गांव के रहने वाले एक किसान बाबू लाल निषाद ने अपने खेतों में सामान्य भिंडी की बजाय लाल भिंडी उगाई है, जिसे देखने और इसकी खेती कैसे होती है, इस बारे में जानकारी लेने के लिए दूर-दूर से किसान आ रहे हैं. बात की जाए तो बाबूलाल निषाद की तो वे जिले के उत्कृष्ट किसान है.
जब से बाबूलाल निषाद ने खेती किसानी चालू की तब से ये हर किसानों से हटकर कुछ अलग करते हैं और आम किसानों से हटकर लाखों रुपये भी कमाते हैं, जिसको लेकर बाबूलाल निषाद अक्सर जिले में चर्चाओं में बने रहते हैं. इन्होंने सामान्य भिंडी की जगह, ऐसे भिंडी उगाई है, जिसकी कीमत महानगरों में 2400 सौ रुपये किलो है और डॉक्टरों और अधिकारियों की माने तो ये लाल भिंडी काफी लाभदायक बताई जाती है.
बाबूलाल निषाद की फसल अब तैयार हो गई है. बाजार में सामान्य भिंडी की अपेक्षा लाल भिंडी ज्यादा महंगी बिकती है. हालांकि बाबूलाल ने सिर्फ प्रयोग के तौर पर एक बिस्वा जमीन पर ही लाल भिंडी की फसल तैयार की है, जो प्रयोग अब सफल हो चुका है. जिले के प्रगतिशील किसान बाबूलाल निषाद का कहना है, कि अब वह बड़े रकबे में लाल भिंडी की फसल करेंगे. जिले के किसान नई-नई फसलें और तकनीकों में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं, जिसमें खेती से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए वह फसलों की नई -नई प्रजातियों का भी उत्पादन कर रहे हैं.
दूसरी ओर जिला प्रशासन भी किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. जिला उद्यान निरीक्षक एसएस गौतम ने बताया कि किसान का यह प्रयोग सराहनीय है. लाल भिंडी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होती है. लाल भिंडी किसानों को आर्थिक रूप से भी फसलों में किसान को फायदा पहुंचाती है.
कानपुर देहात जनपद के किसान बाबूलाल निषाद के मुताबिक लाल भिंडी उगाने का आइडिया उन्हें तब आया जब वह एक बार वाराणसी के पास केलाबेला में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेजिटेबल रिसर्च (Indian Institute of Vegetable Research) में गए हुए थे. उसी दौरान उन्होंने कृषि विशेषज्ञों से लाल भिंडी के आर्थिक और स्वास्थ्य फायदों के बारे में जानकारी ली. वहां उन्होंने लाल भिंडी के बीज खरीदे और अपने गांव आकर उसकी खेती शुरू कर दी और आज वो किसानों के लिए पूरे जिले में मिसाल बने हुए हैं.
इसके अलावा इसकी खेती में लागत भी सामान्य भिंडी के मुकाबले कम है, इसलिए मुनाफा भी ज्यादा है. बाबूलाल निषाद ने बताया कि उन्हें शुरू से ही खेती किसानी में कुछ अलग करने की रुचि रहती है. एसएस गौतम ने बताया कि बाबूलाल निषाद जिले के किसानों के लिए एक मिशाल बन चुके हैं. उनके इस प्रयोग की सराहना करते हुए अन्य किसानों को भी लाल भिंडी की खेती करनी चाहिए, जिससे कि जिले के किसान आगे बढ़ सके.
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