झांसीः जिले में हॉकी के जादूगर और विश्व के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाने वाले दद्दा मेजर ध्यानचंद (hockey magician Major Dhyan Chand) के घर में उनके कमरे को परिजनों ने म्यूजियम के रूप में सहेज दिया है. इसमें न सिर्फ उनको मिले मेडल और ट्रॉफियां रखी गई हैं. बल्कि, उनकी हॉकी स्टिक सहित कई ऐसी चीजें सहेजी गई हैं जो बेहद दुर्लभ हैं.
मेजर ध्यानचंद के घर में उनका कमरा स्थानीय ही नहीं, बल्कि दूर-दराज से आने वाले खेल प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है. कहा जाता है कि इसी कमरे में दद्दा अपने साथियों के साथ बैठकर मैच की रणनीतियां बनाकर खेल के मैदान साकार किया करते थे. द्ददा शायरी भी लिखने के शौकीन थे और अपने आखरी वक्त में इसी कमरे में बैठकर उन्होंने काफी शायरियां लिखीं. जो उस समय की पत्रिकाओं में खूब प्रकाशित हुईं.
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अपनों के बीच दद्दा के नाम से विख्यात मेजर ध्यानचंद भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी और कप्तान थे, जिनका नाम विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शुमार है. दद्दा तीन बार ओलंपिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे. इसमें 1928 का एम्सटर्डम ओलंपिक, 1932 का लॉस एंजलिस ओलंपिक और 1936 का बर्लिन ओलंपिक शामिल है. बता दें कि मेजर ध्यानचंद की जन्मतिथि 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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