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झांसी: हिंदुओं और मुस्लिमों ने बनाई टीम, गोवंशों को दिया चारा-पानी - गोवंशों की मदद खबर

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में लॉकडाउन के दौरान बेजुबान जानवरों की मदद करने के लिए हिंदुओं और मुस्लिमों ने मिलकर जिम्मेदारी उठाई है. इसी के तहत सभी लोगों ने एक समिति का गठन किया है. इसमें नियमित रूप से लोगों को गोवंशों को चारा-पानी देने की जिम्मेदारी दी गई है.

green fodder and water given to cow
green fodder and water news
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Published : Jun 2, 2020, 7:57 PM IST

Updated : Jun 2, 2020, 8:04 PM IST

झांसी: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान इंसानों के सामने भोजन और पानी का संकट दिखाई दिया. साथ ही बेजुबान जानवर भी चारा-पानी के लिए इधर-उधर भटकते दिखाई दिए. जिले के नगरा हाट के मैदान पर घूमने वाले सैकड़ों आवारा गोवंशों को लॉकडाउन के दौरान स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर चारा और पानी उपलब्ध कराया. लॉकडाउन लागू होने से लेकर अभी तक आवारा गोवंशों के लिए यह व्यवस्था संचालित है.


हाट पर निर्भर थे गोवंश
दरअसल, जनपद के नगरा क्षेत्र में हाट के मैदान पर सब्जी का बाजार लगता है. आवारा गोवंश और अन्य जानवर यहां के सब्जी विक्रेताओं पर निर्भर थे. लॉकडाउन में जब हाट बंद हो गए तो इन गोवंशों के सामने चारे और पानी का संकट खड़ा हो गया. इस मैदान पर बड़ी संख्या में आवारा गोवंश विचरण करते थे और इनकी समस्या को देखते हुए स्थानीय लोगों ने अनूठी पहल की है.

स्थानीय लोगों ने बढ़ाया कदम
स्थानीय निवासी सियाराम शरण चतुर्वेदी ने हाट मैदान के पास रहने वाले लोगों से बातचीत की. कई लोगों से बात करने के बाद एक समिति का गठन किया. समिति से जुड़े लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है. चारे को लोडर से भरकर नियमित रूप से लाने और फिर उसे गोवंशों को खिलाने की जिम्मेदारी बारी-बारी से लोगों को दी गई है.


हिंदुओं और मुस्लिमों ने मिलकर उठाई जिम्मेदारी
इस समिति में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समाज के लोगों को शामिल किया गया और बराबर की जिम्मेदारी दी गई है. जहीर कुरैशी, सत्तार बाबा, सतेंद्र तिवारी, महेश साहू सहित आसपास के कई लोगों ने बढ़-चढ़ कर जिम्मेदारी निभाई है. लॉकडाउन की अवधि के दौरान कई लोगों ने इन गोवंशों के लिए हरे चारे के साथ ही लिए फल और सब्जी की भी व्यवस्था करवाई है.

समिति बनाकर की गई व्यवस्था
स्थानीय निवासी सियाराम शरण चतुर्वेदी बताते हैं कि यहां हाट के मैदान पर रहने वाले गोवंशों के लिए दुकानदार खाने की व्यवस्था करते थे. हाट बंद होने के कारण यहां गौवंशों का कोई सहारा नहीं रहा है. इसके बाद यहां के लोगों ने व्यापारियों के साथ बैठक कर एक गो सेवा समिति बनाई और संकल्प लिया कि हर रोज इन्हें हरा चारा और पानी उपलब्ध कराया जाएगा. यह क्रम निरंतर चल रहा है.

हो रही सराहना
नगरा के लोगों के इस काम की जनपद में सराहना हो रही है. सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप तिवारी कहते हैं कि गोरक्षा की इस पहल में लोगों ने गंगा-जमुनी तहजीब पेश की है. हिन्दू और मुस्लिम समाज के लोगों ने मिलकर जो मिसाल पेश की है, वह सराहनीय है. लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अब तक यहां के लोगों ने गोवंशों को चारा-पानी उपलब्ध कराने का काम जारी रखा है.

झांसी: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान इंसानों के सामने भोजन और पानी का संकट दिखाई दिया. साथ ही बेजुबान जानवर भी चारा-पानी के लिए इधर-उधर भटकते दिखाई दिए. जिले के नगरा हाट के मैदान पर घूमने वाले सैकड़ों आवारा गोवंशों को लॉकडाउन के दौरान स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर चारा और पानी उपलब्ध कराया. लॉकडाउन लागू होने से लेकर अभी तक आवारा गोवंशों के लिए यह व्यवस्था संचालित है.


हाट पर निर्भर थे गोवंश
दरअसल, जनपद के नगरा क्षेत्र में हाट के मैदान पर सब्जी का बाजार लगता है. आवारा गोवंश और अन्य जानवर यहां के सब्जी विक्रेताओं पर निर्भर थे. लॉकडाउन में जब हाट बंद हो गए तो इन गोवंशों के सामने चारे और पानी का संकट खड़ा हो गया. इस मैदान पर बड़ी संख्या में आवारा गोवंश विचरण करते थे और इनकी समस्या को देखते हुए स्थानीय लोगों ने अनूठी पहल की है.

स्थानीय लोगों ने बढ़ाया कदम
स्थानीय निवासी सियाराम शरण चतुर्वेदी ने हाट मैदान के पास रहने वाले लोगों से बातचीत की. कई लोगों से बात करने के बाद एक समिति का गठन किया. समिति से जुड़े लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है. चारे को लोडर से भरकर नियमित रूप से लाने और फिर उसे गोवंशों को खिलाने की जिम्मेदारी बारी-बारी से लोगों को दी गई है.


हिंदुओं और मुस्लिमों ने मिलकर उठाई जिम्मेदारी
इस समिति में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समाज के लोगों को शामिल किया गया और बराबर की जिम्मेदारी दी गई है. जहीर कुरैशी, सत्तार बाबा, सतेंद्र तिवारी, महेश साहू सहित आसपास के कई लोगों ने बढ़-चढ़ कर जिम्मेदारी निभाई है. लॉकडाउन की अवधि के दौरान कई लोगों ने इन गोवंशों के लिए हरे चारे के साथ ही लिए फल और सब्जी की भी व्यवस्था करवाई है.

समिति बनाकर की गई व्यवस्था
स्थानीय निवासी सियाराम शरण चतुर्वेदी बताते हैं कि यहां हाट के मैदान पर रहने वाले गोवंशों के लिए दुकानदार खाने की व्यवस्था करते थे. हाट बंद होने के कारण यहां गौवंशों का कोई सहारा नहीं रहा है. इसके बाद यहां के लोगों ने व्यापारियों के साथ बैठक कर एक गो सेवा समिति बनाई और संकल्प लिया कि हर रोज इन्हें हरा चारा और पानी उपलब्ध कराया जाएगा. यह क्रम निरंतर चल रहा है.

हो रही सराहना
नगरा के लोगों के इस काम की जनपद में सराहना हो रही है. सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप तिवारी कहते हैं कि गोरक्षा की इस पहल में लोगों ने गंगा-जमुनी तहजीब पेश की है. हिन्दू और मुस्लिम समाज के लोगों ने मिलकर जो मिसाल पेश की है, वह सराहनीय है. लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अब तक यहां के लोगों ने गोवंशों को चारा-पानी उपलब्ध कराने का काम जारी रखा है.

Last Updated : Jun 2, 2020, 8:04 PM IST
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