झांसी: प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई. इस दौरान पिछली बार पराली जलाने के मामलों की समीक्षा की गई. बैठक में हिस्सा लेते हुए झांसी एनआईसी में मौजूद डीएम आन्द्रा वामसी ने मुख्य सचिव को बताया कि पराली को एकत्र कर एनटीपीसी को बेचा जाएगा, जहां इससे बिजली का उत्पादन किया जाएगा.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झांसी के जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि जनपद में समस्त निगरानी समितियों को क्षेत्र में पराली न जलाने और उससे लाभ लेने के संबंध में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में भूसा बैंक भी स्थापित किया जा रहा है, ताकि पराली को एकत्र करते हुए एनटीपीसी को बेचा जा सके, जहां बिजली बनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि प्राप्त धनराशि ग्राम निधि में जमा होगी, जिससे गांव के विकास कार्य कराए जाएंगे.
डीएम ने मुख्य सचिव को बताया कि प्रत्येक गांव में दो-दो गड्ढे मनरेगा के माध्यम से खोदे जाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पराली से खाद बनाई जा सके. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित पराली प्रबंधन की बैठक में एनआईसी झांसी में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी, मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, संयुक्त विकास आयुक्त मिथिलेश सचान, संयुक्त कृषि निदेशक एसएस चौहान, जिला कृषि अधिकारी केके सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
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पराली खरीदकर बिजली बनाएगा एनटीपीसी, कमाई से होगा गांव का विकास
यूपी के झांसी में प्रदेश के मुख्य सचिव ने फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. पिछली बार पराली जलाने के मामलों की समीक्षा की गई.
झांसी: प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई. इस दौरान पिछली बार पराली जलाने के मामलों की समीक्षा की गई. बैठक में हिस्सा लेते हुए झांसी एनआईसी में मौजूद डीएम आन्द्रा वामसी ने मुख्य सचिव को बताया कि पराली को एकत्र कर एनटीपीसी को बेचा जाएगा, जहां इससे बिजली का उत्पादन किया जाएगा.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झांसी के जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि जनपद में समस्त निगरानी समितियों को क्षेत्र में पराली न जलाने और उससे लाभ लेने के संबंध में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में भूसा बैंक भी स्थापित किया जा रहा है, ताकि पराली को एकत्र करते हुए एनटीपीसी को बेचा जा सके, जहां बिजली बनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि प्राप्त धनराशि ग्राम निधि में जमा होगी, जिससे गांव के विकास कार्य कराए जाएंगे.
डीएम ने मुख्य सचिव को बताया कि प्रत्येक गांव में दो-दो गड्ढे मनरेगा के माध्यम से खोदे जाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पराली से खाद बनाई जा सके. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित पराली प्रबंधन की बैठक में एनआईसी झांसी में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी, मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, संयुक्त विकास आयुक्त मिथिलेश सचान, संयुक्त कृषि निदेशक एसएस चौहान, जिला कृषि अधिकारी केके सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
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