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नरसिंह भगवान की शोभायात्रा होगी खास, फिर होली खेलते दिखेंगे योगी - सांप्रदायिक सौहार्द की भी मिसाल

वर्षों से निकलने वाली नरसिंह भगवान की शोभायात्रा और होलिकोत्सव पर्व को मनाने के लिए शहर के लोगों में खासा उत्साह और उमंग दिखने के मिल रहा है. करीब 78 साल पहले गोरखपुर में इस परंपरा की नीव आरएसएस ने रखवाई थी.

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गोकुलनाथ मंदिर में छड़ीमार होली खेलने में सराबोर हुए श्रद्धालु
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Published : Mar 15, 2022, 5:59 PM IST

गोरखपुर. होली के दिन दशकों से निकाली जा रही नरसिंह भगवान की शोभायात्रा और होलिकोत्सव के पर्व को मनाने को लेकर शहर के लोगों में खासा उत्साह और उमंग दिखाई दे रहा है. यह परंपरा 78 साल पहले से गोरखपुर में आरएसएस ने शुरू कराया जो मौजूदा समय में काफी भव्यता के साथ आगे बढ़ती जा रही है.

गोकुलनाथ मंदिर में छड़ीमार होली खेलने में सराबोर हुए श्रद्धालु

इस शोभायात्रा की खास बात यह है कि इसकी अगुवाई 1985 से गोरक्ष पीठाधीश्वर करते चले आ रहे हैं जिसमें पिछले 24 वर्षों से बतौर पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ शामिल हो रहे हैं. इस बार यह शोभायात्रा 19 मार्च को निकाली जाएगी जिसमें शामिल होने की सहमति सीएम योगी ने आयोजन समिति के लोगों को मुलाकात के बाद दी है.

वर्ष 1944 से शुरू हुई भगवान नरसिंह की शोभायात्रा का यह क्रम लगातार भव्यता के साथ आगे बढ़ रहा है. खास बात यह है कि आयोजन अब यह सांप्रदायिक सौहार्द की भी मिसाल बनता जा रहा है. शोभायात्रा के मार्ग में 50 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समाज की होती है लेकिन यह लोग भी इस पर्व में पूरे उत्साह के साथ शामिल होते हैं. फूलों की वर्षा करते हैं और अबीर गुलाल उड़ाते हैं.

सुबह 9:00 बजे संघ अपनी शाखा लगाने की बाद शोभायात्रा की शुरुआत करता है जिसमें संघ के बड़े-बड़े पदाधिकारी शामिल होते हैं. योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में अपने साधु-संतों से तिलक कराने के बाद इसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर जब रथ पर सवार होकर आगे बढ़ते हैं. अबीर गुलाल खेलते हुए शोभायात्रा की अगुवाई करते हैं. इस दौरान वहां मौजूद हजारों लोगों का उत्साह दोगुना हो जाता है. इस बार यह उत्साह और भी बढ़ा हुआ है. पिछले वर्ष कोरोना की वजह से योगी आदित्यनाथ इस शोभायात्रा में शामिल नहीं हो पाए थे.

साथ ही यूपी चुनाव के बाद दूसरी बार वह प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. इसकी भी ललक आयोजन में शामिल होने वाले लोगों में बनी हुई है. कीचड़ और गंदगी भरी होली को रंगभरी बनाने का श्रेय संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख को जाता है. आयोजन समिति के लोगों ने ETV Bharat के साथ अपनी बातों को साझा करते हुए कहा कि यह आयोजन उनके उत्साह और मन को बढ़ाता है. साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द भी बनाने में इसकी बड़ी भूमिका होती है.


इसे भी पढ़ेंः हर्षोल्लास के साथ खेली जाएगी लठमार होली

आयोजन समिति के अध्यक्ष इंजीनियर अरुण प्रकाश मल्ल ने बताया कि शोभायात्रा सुबह 9:00 घंटाघर से निकलेगी. वापस घंटाघर आकर संपन्न होगी. कहा कि योगी की अनुमति मिलने के बाद कार्यक्रम का उत्साह दोगुना हो गया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अगुवाई में होली के दिन निकलने वाली भगवान नरसिंह की शोभायात्रा से एक दिन पहले शाम को श्रीहोलिका दहन उत्सव समिति की ओर से निकलने वाली भक्त प्रहलाद की शोभा यात्रा को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्ष पीठाधीश्वर झंडी दिखाकर रवाना करते हैं. इसके पहले उनका हिंदू युवा वाहिनी संगठन की ओर से सम्मान किया जाता है.

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गोरखपुर. होली के दिन दशकों से निकाली जा रही नरसिंह भगवान की शोभायात्रा और होलिकोत्सव के पर्व को मनाने को लेकर शहर के लोगों में खासा उत्साह और उमंग दिखाई दे रहा है. यह परंपरा 78 साल पहले से गोरखपुर में आरएसएस ने शुरू कराया जो मौजूदा समय में काफी भव्यता के साथ आगे बढ़ती जा रही है.

गोकुलनाथ मंदिर में छड़ीमार होली खेलने में सराबोर हुए श्रद्धालु

इस शोभायात्रा की खास बात यह है कि इसकी अगुवाई 1985 से गोरक्ष पीठाधीश्वर करते चले आ रहे हैं जिसमें पिछले 24 वर्षों से बतौर पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ शामिल हो रहे हैं. इस बार यह शोभायात्रा 19 मार्च को निकाली जाएगी जिसमें शामिल होने की सहमति सीएम योगी ने आयोजन समिति के लोगों को मुलाकात के बाद दी है.

वर्ष 1944 से शुरू हुई भगवान नरसिंह की शोभायात्रा का यह क्रम लगातार भव्यता के साथ आगे बढ़ रहा है. खास बात यह है कि आयोजन अब यह सांप्रदायिक सौहार्द की भी मिसाल बनता जा रहा है. शोभायात्रा के मार्ग में 50 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समाज की होती है लेकिन यह लोग भी इस पर्व में पूरे उत्साह के साथ शामिल होते हैं. फूलों की वर्षा करते हैं और अबीर गुलाल उड़ाते हैं.

सुबह 9:00 बजे संघ अपनी शाखा लगाने की बाद शोभायात्रा की शुरुआत करता है जिसमें संघ के बड़े-बड़े पदाधिकारी शामिल होते हैं. योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में अपने साधु-संतों से तिलक कराने के बाद इसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर जब रथ पर सवार होकर आगे बढ़ते हैं. अबीर गुलाल खेलते हुए शोभायात्रा की अगुवाई करते हैं. इस दौरान वहां मौजूद हजारों लोगों का उत्साह दोगुना हो जाता है. इस बार यह उत्साह और भी बढ़ा हुआ है. पिछले वर्ष कोरोना की वजह से योगी आदित्यनाथ इस शोभायात्रा में शामिल नहीं हो पाए थे.

साथ ही यूपी चुनाव के बाद दूसरी बार वह प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. इसकी भी ललक आयोजन में शामिल होने वाले लोगों में बनी हुई है. कीचड़ और गंदगी भरी होली को रंगभरी बनाने का श्रेय संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख को जाता है. आयोजन समिति के लोगों ने ETV Bharat के साथ अपनी बातों को साझा करते हुए कहा कि यह आयोजन उनके उत्साह और मन को बढ़ाता है. साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द भी बनाने में इसकी बड़ी भूमिका होती है.


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आयोजन समिति के अध्यक्ष इंजीनियर अरुण प्रकाश मल्ल ने बताया कि शोभायात्रा सुबह 9:00 घंटाघर से निकलेगी. वापस घंटाघर आकर संपन्न होगी. कहा कि योगी की अनुमति मिलने के बाद कार्यक्रम का उत्साह दोगुना हो गया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अगुवाई में होली के दिन निकलने वाली भगवान नरसिंह की शोभायात्रा से एक दिन पहले शाम को श्रीहोलिका दहन उत्सव समिति की ओर से निकलने वाली भक्त प्रहलाद की शोभा यात्रा को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्ष पीठाधीश्वर झंडी दिखाकर रवाना करते हैं. इसके पहले उनका हिंदू युवा वाहिनी संगठन की ओर से सम्मान किया जाता है.

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