गोरखपुर : इस्लाम के मुताबिक रमजान के महीने को रब ने सबसे पवित्र महीना करार दिया है. मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना आस मोहम्मद ने बताया कि हर अशरा में अल्लाह ने अलग अलग नेमतें बख्शी हैं. पहला अशरा 1 से 10 रमजान तक दस दिन का होता है. जो बरकतों का होता है. दूसरा अशरा 11 से 20 रमजान तक का होता है, इसे मगफिरत का अशरा करार दिया गया है. तीसरा अंतिम अशरा 21 से 30 रमजान तक का है.
जकात, खैरात और फितरा देना फर्ज
रमजान के महीने में हर दौलत मंद लोगों को जकात देना फर्ज है. जकात देना उन लोगों पर है फर्ज है जिसके पास 7.5 तोला सोना और 52.5 तोले चांदी के बराबर संपत्ति या रुपया हो तो रमजान में जकात देना फर्ज है. खैरात हर रोजेदार के ऊपर फर्ज फरमाया गया है.