गोरखपुर: जिलाधिकारी विजय किरन आनंद बाढ़ की स्थिति को देखते हुए स्वयं बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण कर प्रभावित गांव में राहत सामग्री व नाव पहुंचवाने का कार्य कर रहे हैं, जिससे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो. डीएम ने बताया है कि जिले में बाढ़ से 277 ग्राम प्रभावित हैं. 400 से अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नावें लगा दी गई है. प्रभावित लोगों को त्वरित राहत खाद्य सामग्री किट वितरित की जा रही है.
गोर्रा नदी के तटबंध टूटने से राजधानी गांव का घटुली घाट, बिरजू तोला, बलूंघट्टा, नकहा टोला, सोनबरसा के साथ-साथ जयरामकोल, सिलहटा, सधना, बडहरा, पुरनहिया जैसे दर्जनों गांव बाढ़ के पानी की चपेट में आ गए हैं. इन गांवों में के लोगों के घर डूब रहे हैं. राहत एवं बचाव के लिए एनडीआरएफ की एक कंपनी की 20 सदस्यों की टीम गांव में पहुंच चुकी है. टीम कमांडर मनीष कुमार चौबे ने बताया कि हमारी टीम के साथ मेडिकल टीम गोताखोर एवं गांव से लोगों को निकालने के लिए नाव, मोटर बोट, लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गई है. टीम के लोग लोगों को घरों से बाहर निकालने में सहयोग करेंगे.
एडीएम राजेश कुमार सिंह ने कहा है कि बांध टूटने की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार सिंह ने लोगों को एक-दूसरे का सहयोग करने की अपील की. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को जल्द से जल्द किसी ऊंचे स्थान पर पहुंचाया जाय. गर्भवती महिलाओं और बच्चों को शीघ्र बाहर निकला जाय. बाढ़ में फंसे लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इसके लिए जगह-जगह बाढ़ राहत शिविर बनाया जाए और लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.
नायब तहसीलदार अलका सिंह एवं लेखपाल नीतीश गुप्ता ने लोगों से अपील की है कि इस आपदा की घड़ी में सभी लोग मिल-जुलकर एक-दूसरे का सहयोग करें. राप्ती, रोहिन, घाघरा के अलावा गुर्रा के साथ आमी नदी भी गांव में कहर बरपा रही है. बाढ़ ने एक बार फिर ग्रामीणों को मुश्किल में डाल दिया है. शहर के दक्षिणी छोर ट्रांसपोर्टनगर, राजीव नगर, बहरामपुर और महेवा मंडी में उफनाई राप्ती से बाढ़ आ गई है. लोगों के घर डूब गए हैं. सदर क्षेत्र के 60 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.
बाढ़ से करीब ढाई लाख की आबादी प्रभावित है. गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र के विधायक विपिन सिंह बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर राहत सामग्री लोगों में मुहैया करा रहे हैं. विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लोगों में बाढ़ राहत सामग्री बांटी जा रही है, जिससे लोगों को खाने-पीने में दिक्कत न आए. लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा रहा है. लोगों के उपचार के लिए स्वास्थ्य टीमें और नाव लगाई गईं हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं.
गोरखपुर के दक्षिणी छोर को भी राप्ती नदी ने अपने आगोश में ले लिया है. लोग अपने घरों को छोड़कर बंधों और शुभचिंतकों-रिश्तेदारों के यहां शरण ले रहे हैं. जिले के 277 गांव बाढ़ से घिरे और मैरुंड भी हो गए हैं. इसमें सदर में 60, कैंपियरगंज में 46, सहजनवा में 37, चौरीचौरा में 13, गोला में 59, बांसगांव में 33, खजनी में 29 गांव बाढ़ से घिर गए हैं. रोहिन और राप्ती नदी की बाढ़ से घिरे गांव में छोटी-बड़ी कुल 389 नाव राहत के लिए लगाई गई हैं. मेडिकल टीम को तैनात किया गया है. क्लोरीन की गोलियां और ओआरएस बांटा गया है. इसके अलावा 19658 राशन किट उपलब्ध कराई गई है. करीब 36,690 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित है.