नई दिल्ली/गाजियाबाद: कांग्रेस की स्थिति देश भर में किसी से छिपी नहीं है. गाजियाबाद में भी कांग्रेस बहुत बुरे दौर से गुजर रही है. जमीनी स्तर पर संगठन की बात की जाए तो वह न के बराबर है और इसका श्रेय भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जाता है. जिन्होंने गुटबाजी के अलावा संगठन के लिए और कुछ नहीं किया.
वरिष्ठ नेताओं ने उठाए थे सवाल
बात करें इस साल के लोकसभा चुनाव की तो गुटबाजी के कारण ही प्रियंका गांधी के रोड शो के दौरान कई वरिष्ठ नेता गायब दिखे. जिसके बाद लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा के लिए दिल्ली में आयोजित बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद उभर कर सामने आया.
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने ही टिकट की कालाबाजारी पर जिले के वरिष्ठ नेताओं ने सवाल भी उठाया था. कांग्रेस जिला अध्यक्ष एवं महानगर अध्यक्ष के बीच का मतभेद भी किसी से छिपा नहीं है. कांग्रेस मुख्यालय के बाहर ही दोनों नेताओं के बीच हाथापाई भी हुई थी जिसे कार्यकर्ताओं ने शांत कराया था.
कांग्रेस ने इकट्ठा किए थे बायोडाटा
नए अध्यक्षों के चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की नेता राणा गोस्वामी व देवेंद्र कुमार अध्यक्ष पद के दावेदारों के बायोडाटा भी एकत्र किए थे.
इस दौरान दोनों की तरफ से यह साफ किया गया था कि लोकप्रिय और कर्मठ कार्यकर्ताओं को ही इस बार अध्यक्ष चुना जाएगा. इसके बाद से ही अध्यक्ष पद के कई दावेदार दिल्ली से लेकर लखनऊ तक का चक्कर लगा रहे हैं.
मशहूर नेता सुरेंद्र प्रकाश कर सकते हैं खेल
अगर जिला कांग्रेस की अंदरूनी सूत्रों की माने तो कांग्रेस में डैडी के नाम से मशहूर सुरेंद्र प्रकाश अध्यक्ष पद के चुनाव में खेल कर सकते हैं.
चर्चा है कि सुरेंद्र प्रकाश ने अपने बेटे सुशांत गोयल के लिए शीर्ष नेतृत्व से जिला या महानगर अध्यक्ष पद की मांग की है. इसके लिए वे दिल्ली का भी चक्कर लगा रहे हैं.