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UP Board Result 2022: कैदियों ने रचा इतिहास! 40 में से 39 कैदियों ने सलाखों के पीछे से पास की यूपी बोर्ड परीक्षा - Firozabad District Jail News

फिरोजाबाद में जिला कारागार में बंद 39 कैदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा प्रथम श्रेणी के अंको के साथ पास की है. कई उम्रदराज कैदियों ने भी परीक्षा पास की है.

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परीक्षा पास करने वाले कैदी
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Published : Jun 19, 2022, 5:49 PM IST

फिरोजाबाद: जेलों को आम तौर पर आम आदमी यातना गृह मानता है, लेकिन फिरोजाबाद जिला जेल में बंद कैदियों ने शिक्षा के मामले में परचम लहराया है. कारागार की सलाखें भी उनकी पढ़ाई में रोड़ा नहीं बन सकी. कारागार में बंद 39 कैदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा में प्रथम श्रेणी के अंक हासिल किए है. यही नहीं कई उम्रदराज कैदियों ने भी प्रथम श्रेणी में पास की है.

कहावत है कि मंजिल उसी को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों की उड़ान होती है. इस कहावत को फिरोजाबाद की जिला जेल में बंद रहकर सजा काट रहे कैदियों ने सच कर दिखाया है. शनिवार को यूपी बोर्ड परीक्षा का जब परिणाम आया तो जिला जेल का माहौल खुशनुमा हो गया. दरअसल जेल में बंद 40 कैदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा दी थी. इनमें 28 परीक्षार्थियों ने हाईस्कूल और 12 ने इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी. 40 परीक्षार्थियों में से 39 ने परीक्षा प्रथम श्रेणी के अंको के साथ पास की. एक परीक्षार्थी ने परीक्षा छोड़ दी थी. कई परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी के अंक लेकर आए है.

परीक्षा पास करने वाले कैदी

हाई स्कूल की परीक्षा पास करने वाले गुल सरोवर नामक एक कैदी ने बताया कि वह 3 साल से हत्या के अपराध में जेल में बंद है. वह मुजफ्फरनगर जनपद का मूल रूप से रहने वाला है. 56 साल के गुल सरोवर की पढ़ाई 1991 में छूट गई थी. जेल प्रशासन की पहल पर इस बार उन्होंने फिर से हाई स्कूल के पेपर देने की हिम्मत जुटाई. उन्होंने न केवल हाई स्कूल की परीक्षा को पास किया बल्कि प्रथम श्रेणी के अंक प्राप्त किए हैं. इसी तरह एक और कैदी सुरेंद्र भदौरिया ने बताया कि वह पिछले 14 साल से हत्या के प्रयास में जेल में बंद है. उसने कक्षा पांच से इंटर तक की पढ़ाई जेल में की है.

यह भी पढ़ें-मुरादाबाद की बेटी संस्कृति को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने फोन पर दी बधाई

कैदी सुरेंद्र भदौरिया ने आगे बताया कि अब वह बाहर निकल कर समाज की सेवा करेगा और अपराधों से तौबा करेगा. कैदियों के मुताबिक यह सब कारागार अधीक्षक के प्रयासों से ही संभव हुआ है. उन्होंने कैदियों में पढ़ाई और परीक्षा के प्रति अलख जगाई थी. प्रभारी जेल अधीक्षक आनंद सिंह का कहना है कि कैदियों ने खुद अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. इतना जरूर है जेल प्रशासन ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया और उनका हौसला बढ़ाया.

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फिरोजाबाद: जेलों को आम तौर पर आम आदमी यातना गृह मानता है, लेकिन फिरोजाबाद जिला जेल में बंद कैदियों ने शिक्षा के मामले में परचम लहराया है. कारागार की सलाखें भी उनकी पढ़ाई में रोड़ा नहीं बन सकी. कारागार में बंद 39 कैदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा में प्रथम श्रेणी के अंक हासिल किए है. यही नहीं कई उम्रदराज कैदियों ने भी प्रथम श्रेणी में पास की है.

कहावत है कि मंजिल उसी को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों की उड़ान होती है. इस कहावत को फिरोजाबाद की जिला जेल में बंद रहकर सजा काट रहे कैदियों ने सच कर दिखाया है. शनिवार को यूपी बोर्ड परीक्षा का जब परिणाम आया तो जिला जेल का माहौल खुशनुमा हो गया. दरअसल जेल में बंद 40 कैदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा दी थी. इनमें 28 परीक्षार्थियों ने हाईस्कूल और 12 ने इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी. 40 परीक्षार्थियों में से 39 ने परीक्षा प्रथम श्रेणी के अंको के साथ पास की. एक परीक्षार्थी ने परीक्षा छोड़ दी थी. कई परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी के अंक लेकर आए है.

परीक्षा पास करने वाले कैदी

हाई स्कूल की परीक्षा पास करने वाले गुल सरोवर नामक एक कैदी ने बताया कि वह 3 साल से हत्या के अपराध में जेल में बंद है. वह मुजफ्फरनगर जनपद का मूल रूप से रहने वाला है. 56 साल के गुल सरोवर की पढ़ाई 1991 में छूट गई थी. जेल प्रशासन की पहल पर इस बार उन्होंने फिर से हाई स्कूल के पेपर देने की हिम्मत जुटाई. उन्होंने न केवल हाई स्कूल की परीक्षा को पास किया बल्कि प्रथम श्रेणी के अंक प्राप्त किए हैं. इसी तरह एक और कैदी सुरेंद्र भदौरिया ने बताया कि वह पिछले 14 साल से हत्या के प्रयास में जेल में बंद है. उसने कक्षा पांच से इंटर तक की पढ़ाई जेल में की है.

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कैदी सुरेंद्र भदौरिया ने आगे बताया कि अब वह बाहर निकल कर समाज की सेवा करेगा और अपराधों से तौबा करेगा. कैदियों के मुताबिक यह सब कारागार अधीक्षक के प्रयासों से ही संभव हुआ है. उन्होंने कैदियों में पढ़ाई और परीक्षा के प्रति अलख जगाई थी. प्रभारी जेल अधीक्षक आनंद सिंह का कहना है कि कैदियों ने खुद अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. इतना जरूर है जेल प्रशासन ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया और उनका हौसला बढ़ाया.

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