फिरोजाबाद : ग्राम पंचायतों में निवास करने वाले लोगों को सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए भटकना पड़ता है. इस समस्या के निपटारे के लिए सरकार ने हर ग्राम पंचायतों में सचिवालय खोले है लेकिन यूपी के फिरोजाबाद जनपद में 17 पंचायतें ऐसी हैं जहां के ग्रामीणों के लिए यह सचिवालय सपना बने हुए है. इन पंचायतों में से 12 पंचायत तो ऐसी है जहां जमीन ही नही है. अन्य सात ग्राम पंचायतों में इसको लेकर विवाद है. प्रदेश सरकार इन पंचायत में सचिवालय खोलने के लिए जमीन खरीदेगी. अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इस काम के लिए एक कमेटी को गठित कीया गया है.
सरकार हर एक विशेष योजना के तहत ग्राम स्वराज की स्थापना के सपने को साकार कर रही है. इसके चलते हर ग्राम पंचायत में एक सचिवालय की स्थापना की जा रही है. साथ ही एक पंचायत सहायक की भर्ती कर उनकी तैनाती भी की कर चुकी है. सरकार की मंशा है कि ग्रामीणों को सरकार की हर सुविधा का लाभ इन पंचायत सचिवालयों के जरिये मिल सके.
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वहीं, पंचायत सहायक को जिम्मेदारी दी गयी है कि वह पंचायत के कार्यों को करने के साथ साथ ग्रामीणों को ऑनलाइन सेवा का लाभ भी मुहैया कराएं ताकि उन्हें किसी भी तरह के प्रमाण पत्रों के लिए भटकना न पड़े. वहीं, फिरोजाबाद जिले में 564 ग्राम पंचायतें हैं. अधिकांश ग्राम पंचायतों में सचिवालय की स्थापना का काम पूरा हो चुका है. जनपद में 17 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जिनके लिए यह पंचायत सचिवालय महज एक सपने की तरह है.
ईटीवी भारत की टीम ने जब इसका कारण जानने की कोशिश की तो पता चला कि पांच ग्राम पंचायत तो ऐसी है जिनमें सचिवालय के लिए चिन्हित की गई जमीन विवादित निकली है यानी कि इस जमीन पर पहले से कोई केस कोर्ट में विचाराधीन है या अन्य किसी प्रकार का विवाद है. इसके अलावा 12 ग्राम पंचायत ऐसी हैं जिनके पास अपनी जमीन ही नहीं है. इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा का कहना है कि जहां जमीन उपलब्ध नहीं है, वहां जमीन खरीदी जाएगी. इसके लिए अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है.
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